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Back Pain In Women: कमर दर्द से हैं परेशान, तो आजमायें ये उपाय

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नई दिल्लीः ‘मम्मी, मुझे स्कूल जाना है… मेरा टिफिन कहां है’, ‘अरे नीलू, तुमने मेरा शर्ट कहां रखा है’… ‘नीलू, मुझे एक कप चाय दे देना’…। दिनभर अपने परिवार की सारी जिम्मेदारियों को पूरा करते-करते रात को जब नीलू बिस्तर पर जाती है, तो कमर दर्द (Back pain) के कारण उसे नींद नहीं आ रही थी। उसकी यह समस्या बीते कुछ दिनों से बढ़ गई थी। वह रोज सोचती है कि कल डाॅक्टर के पास चलेंगे, लेकिन वह समय नहीं निकाल पा रही थी। 

यह समस्या सिर्फ नीलू की नहीं है, बल्कि अधिकांश महिलाओं को कमर दर्द की शिकायत होती है। महिला एक कुशल गृहिणी हो या प्रोफेशनल, रोज के कामकाज और दिनभर की थकान के बाद कमर में दर्द उसकी परेशानियों को बढ़ा देती है। महिलाओं का शरीर पुरुषों की तुलना में अधिक संवेदनशील व बदलावों से गुजरता है, यही कारण है कि उनमें कमर दर्द की समस्या अधिक होती है। वहीं, सेहत की अनदेखी करना कई बार कई परेशानियों का कारण बन सकती है। आइये जानते हैं महिलाओं में कमर दर्द के क्या कारण (What are the causes of back pain in women?) होते हैं और इससे कैसे राहत पाया जा सकता है।

महिलाओं के कमर दर्द के कारण – (Causes of back pain in female in hindi)

1 – गर्भावस्था में कमर दर्द (Back pain in pregnancy) –

आमतौर पर गर्भावस्था में महिलाओं को कमर दर्द की समस्या से जूझना पड़ता है। ऐसा इसलिये क्योंकि गर्भावस्था के दौरान उनका वजन बढ़ जाता है। इस समय उनकी कमर के नीचे तेज दर्द होता है और उन्हें उठने, बैठने और सोने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गर्भावस्था में दर्द के लिये तुरंत डाॅक्टर से परामर्श लेना चाहिये।

2 – पीरियड्स में कमर दर्द (Back pain during periods) –

अक्सर महिलाओं को पीरियड्स से पहले व इस दौरान पेट व कमर में काफी दर्द होता है। इसके अलावा मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ेपन की शिकायत भी रहती है। इस दौरान महिलायें कमजोरी महसूस करने लगती हैं और उन्हें ज्यादा देर खड़े होने व चलने में भी दिक्कतें होती हैं। इस कारण उन्हें जबरदस्त कमर व पेट दर्द होता है। पीरियड्स के दौरान प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के कारण उन्हें इस समस्या से दो-चार होना पड़ता है।

3 – एंडोमेट्रिओसिस (Endometriosis) की वजह से दर्द –

एंडोमेट्रिओसिस महिलाओं से संबंधित बीमारी है। यह समस्या गर्भाशय से जुड़ी है। एंडोमेट्रिओसिस में गर्भाशय के अंदर के ऊतक गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगते हैं। कई बार यह अंडाशय व फैलोपियन ट्यूब में भी फैलने लगता है, जिस कारण महिलाओं को तेज दर्द होता है। इस स्थिति में डाॅक्टर दवा या सर्जरी से इसका इलाज करते हैं।

4 – कैल्शियम व विटामिन की कमी (Calcium and vitamin deficiency) –

महिलाओं को कैल्शियम व विटामिन डी की निश्चित खुराक की विशेष जरूरत होती है। बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं का शरीर कमजोर हो जाता है, ऐसे में कैल्शियम व विटामिन की कमी हो जाती है। कैल्शियम व विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाने के लिये आवश्यक है, ऐसे में इनकी कमी से कमर में दर्द होने लगता है। दर्द कभी-कभी इतना बढ़ जाता है कि उठने व सोने में भी असमर्थता महसूस होती है।

5 – लगातार बैठे रहने से कमर दर्द (Back pain from sitting) –

महिलायें घर के साथ ही ऑफिस में भी अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाती हैं। लेकिन, लगातार एक ही पोजिशन में बैठे रहने से कमर दर्द होने लगता है। इस समस्या से निजात पाने के लिये थोड़ी-थोड़ी देर बाद अपने स्थान से उठकर थोड़ा चल लें। इससे आप बेहतर महसूस करेंगी और कमर दर्द भी नहीं होगा।

6 – कोलेस्ट्राॅल का बढ़ना (Increase in cholesterol) –

फास्ट फूड या अधिक मिठाई, नाॅन वेज खाने या शराब के सेवन से कोलेस्ट्राॅल बढ़ जाता है। शरीर में कोलेस्ट्राॅल खून व कोशिकाओं में पाया जाता है। यह काॅलेस्ट्राॅल जब बढ़ने बढ़ने लगता है तो हार्ट की बीमारियों की तरफ इशारा करता है। वहीं, बैड कोलेस्ट्राॅल बढ़ने से शरीर के कई अंगों में दर्द की शिकायत होने लगती है। एक हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार, कोलेस्ट्राॅल के जमने से कमर में दर्द होने लगता है। दर्द अक्सर बने रहने पर इसकी अनदेखी न करके तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिये।

7 – बिगड़ी दिनचर्या की वजह से दर्द (Pain due to bad routine) 

अक्सर यह देखा गया है कि महिलायें कामकाज में इतनी व्यस्त हो जाती हैं कि अपनी सेहत का ध्यान नहीं रख पातीं। यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है। कई बार आप अपनी लाइफस्टाइल पर ध्यान नहीं देते हैं तो यह भी कमर दर्द का कारण बन सकती है। जैसे – भारी सामान उठाना, बिना आराम किये लगातार काम करते रहना या व्यायाम न करना। वहीं, वजन बढ़ने से रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त भार पड़ता है। यह भी कमर दर्द का एक कारण है।

8 – एसिडिटी की वजह से कमर दर्द (Back pain due to acidity) –

कई बार मसालेयुक्त या ज्यादा तला-भुना भोजन खाने से एसिडिटी की समस्या होने लगती है। एसिडिटी की वजह से भी पीठ व कमर में दर्द होने लगता है। इस वजह से रात को सोने में परेशानी का सामना भी करना पड़ता है।

कमर दर्द से राहत पाने के उपाय ( back pain in female home remedies in hindi) 

अगर आप कमर दर्द से परेशान हैं तो कुछ आसान उपायों को भी आजमाकर देख सकती हैं। लेकिन, अगर दर्द में आराम न मिले तो जल्द से जल्द डाॅक्टर से सलाह लेनी चाहिये। कमर दर्द कई कारणों से हो सकता है और इस समस्या की अनदेखी आपकी सेहत पर भी भारी पड़ सकती है।

1 – नियमित व्यायाम करें (Exercise regularly) –

स्वस्थ व तंदुरुस्त रहने का एक सबसे अच्छा उपाय है – व्यायाम। आप व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। व्यायाम करने से मांसपेशियां दुरुस्त रहेंगी और आपको शरीर व कमर दर्द में भी आराम मिलेगा। व्यायाम से वजन भी नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी, जिससे शरीर संतुलित रहेगा।

2 – गर्म पानी से सिकाई (Doused with hot water)

गर्म पानी से सिकाई दर्द में आराम देता है। अगर आप कमर दर्द से परेशान हैं तो गर्म पानी से सिकाई करके देखिये। इससे आपको राहत मिलेगी। इसके अलावा आप दर्दनाशक तेल से मालिश कर सकती हैं। इसके लिये आप डाॅक्टर द्वारा दिये गये तेल अथवा सरसों के तेल से मालिश कर सकती हैं। तेल में लहसुन डालकर मालिश करने से दर्द में आराम मिलता है। मालिश के बाद कुछ देर ही नहाना चाहिये, जिससे तेल शरीर में अच्छी तरह अवशोषित हो जाये।

3 – डाईट पर दें ध्यान (Pay attention to diet) –

स्वस्थ शरीर के लिये संतुलित भोजन जरूरी होता है। महिलाओं को बढ़ती उम्र के साथ कैल्शियम व विटामिन डी व सी को अपनी डाईट में शामिल करना चाहिये। खासतौर पर गर्भावस्था व बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिये। इस दौरान उन्हें कैल्शियम व विटामिन से युक्त भोजन करना चाहिये इसके अलावा डाॅक्टर्स की सलाह पर कैल्शियम व विटामिन डी की गोलियां भी खाई जा सकती हैं।

4 – हरी सब्जियां खायें (Eat green vegetables) 

हरी पत्तेदार सब्जियां पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। पालक, मेथी, अरबी व बथुआ की सब्जी में कैल्शियम के साथ-साथ फाॅस्फोरस, जिंक व पोटेशियम जैसे तत्व पाये जाते हैं, जो सेहत के लिये किसी वरदान से कम नहीं हैं।

5 – नींबू पानी से घटेगा काॅलेस्ट्राॅल (Lemon water will reduce cholesterol) –

शरीर में अतिरिक्त काॅलेस्ट्राॅल को आप घर में आसानी से घटा सकती हैं। इसके लिये व्यायाम या योगा के साथ-साथ गुनगुने पानी में रोज नींबू व शहद डालकर पीजिये। इससे अतिरिक्त चर्बी घटेगी और काॅलेस्ट्राॅल भी नियंत्रित रहेगा, जिससे शरीर व कमर दर्द नहीं होगा।

6 – हाई हील्स पहनने से बचें (Avoid wearing high heels) –

कमर में दर्द का एक कारण फुटवियर भी हो सकता है। जी हां, महिलाओं में कमर दर्द का एक मुख्य कारण हाई हील्स भी है। ज्यादा देर तक हाई हील सैंडिल पहनने से भी कमर दर्द करता है। इसका कारण है कि हाई हील पहनने से शरीर को संतुलन बनाने में मुश्किलें आती हैं और ज्यादा देर तक हील पहनने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ता है, इसलिये पैरों व कमर में दर्द करता है।

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7 – पर्याप्त नींद लें (Get enough sleep)

स्वस्थ रहने के लिये एक व्यक्ति को रोजाना 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिये। कम नींद लेना सेहत के लिये नुकसानदेह है। यह न सिर्फ आपके मस्तिष्क को हानि पहुंचाता है, बल्कि इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, साथ ही में वजन भी बढ़ने का खतरा रहता है। इतना ही नहीं, वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया कि अगर आप रात में पर्याप्त नहीं लेते तो आप अगले दिन पीठ में दर्द महसूस कर सकते हैं। साल 2015 में हुई ग्लोबल बर्डन आॅफ डिजीज स्टडी में वैज्ञानिकों ने यह पाया कि विश्व की 7.3 फीसदी लोगों ने कभी न कभी कमर में दर्द को अनुभव किया है। उन्होंने नींद कम होने व पीठ या कमर में दर्द के बीच संबंधों पर अध्ययन किया। वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि नींद में कमी भी कहीं न कहीं आपके कमर व पीठ दर्द के लिये जिम्मेदार है। नींद कम लेने से न केवल पीठ व कमर दर्द बल्कि अन्य सेहत की दुश्वारियों का सामना करना पड़ सकता है।

8 – करवट लेकर सोएं –

अगर रात को आप कमर में दर्द महसूस करें, तो यह एसिडिटी की वजह से भी हो सकता है। इसके लिये आप गुनगुना पानी पीयें और सोने के लिये ऊंची तकिया लें। इसके साथ ही करवट लेकर सोने से भी कमर दर्द में आराम मिलता है।

निष्कर्ष– इस पोस्ट में हमने जाना कि महिलाओं के कमर दर्द के कारण क्या है और हमने आपको बताया कि किन 8 तरीकों से आप कमर दर्द को कम कर सकती है.

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