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Parakash Singh Badal: अंतिम दर्शन के लिए पार्टी कार्यालय पहुंचा बादल का पार्थिव शरीर, कल होगा अंतिम संस्कार

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parkash-singh-badal चंडीगढ़ः पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) का मंगलवार को निधन हो गया। 95 वर्षीय बादल ने मोहाली के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। बादल पांच बार (1970-71, 1977-80, 1997-2002, 2007-12 और 2012-17 में) पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। प्रकाश सिंह बादल का अंतिम संस्कार 27 अप्रैल गुरुवार को उनके पैतृक गांव बादल में दोपहर एक बजे होगा। इससे पहले 26 अप्रैल को उनके पार्थिव शरीर को आम लोगों के दर्शन के लिए सुबह 10 बजे चंडीगढ़ के सेक्टर 28 स्थित शिरोमणि अकाली दल के कार्यालय पहुंचा। जहां अंतिम दर्शन को कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा।

27 अप्रैल को होगा अंतिम संस्कार

पूर्व के पार्थिव शरीर को पार्टी के झंडे से लपेटे गया है। पार्टी कार्यालय में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है। वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हैं। हर कोई अपने नेता के अंतिम दर्शन करना चाहता है। लोग पुष्पवर्षा कर रहे हैं। प्रकाश सिंह बादल का अंतिम संस्कार 27 अप्रैल को मुक्तसर जिले स्थित उनके पैतृक गांव में होगी। बादल का पार्थिव शरीर को बुधवार सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक चंडीगढ़ में शिरोमणि अकाली दल पार्टी कार्यालय में अंतिम दर्शन को रखा जाएगा। जिसके बाद उन्हें बादल गांव ले जाया जाएगा, जहां 27 अप्रैल को अंतिम संस्कार किया जाएगा। ये भी ढ़ें..बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई पर छलका दिवंगत IAS अधिकारी पत्नी का दर्द, PM मोदी से लगाई गुहार

राष्ट्रपति समेत तमाम नेताओं ने जताया शोक

बता दें कि पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के निधन पर केंद्र सरकार ने दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। वहीं दिग्गज नेता के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सहित तमाम नेताओं ने शोक जताया है।पंजाब सरकार ने बुधवार को एक दिन के सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। prakash-singh-badal राष्ट्रपति मुर्मू ने ट्वीट किया- प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) आजादी के बाद के सबसे बड़े राजनीतिक दिग्गजों में से एक थे। उनका निधन एक शून्य छोड़ गया है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने बादल के निधन को देश के लिए बड़ी क्षति बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए इसे ‘व्यक्तिगत क्षति’ बताया। वहीं पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने न केवल पंजाब की प्रगति के लिए अथक परिश्रम किया, बल्कि देश के विकास में भी अतुलनीय योगदान दिया। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि बादल ईमानदारी, ज्ञान और करुणा के व्यक्ति थे, जिन्होंने अपना जीवन सार्वजनिक सेवा के लिए समर्पित कर दिया। वह पंजाब के सच्चे सपूत थे जिन्होंने अपने राज्य और यहां के लोगों के हितों को बढ़ावा देने के लिए सरहानीय प्रयास किया। parkash-singh-badal मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक शोक संदेश में मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में बादल द्वारा की गई सेवाओं को याद करते हुए उन्हें एक सक्षम प्रशासक, तेज दिमाग और नेक दिल वाला अच्छा इंसान करार दिया। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, जिन्होंने उनके निधन के बारे में जानने के बाद अस्पताल का दौरा किया, ने कहा कि देश ने सबसे अनुभवी राजनेता को खो दिया है। उन्होंने कहा, प्रकाश सिंह बादल का निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है और उनका नाम देश की राजनीति के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। 1957 में पहली बार बनी विधायक गौरतलब है कि प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) 1957 में पहली बार कांग्रेस सदस्य के रूप में मलोट निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बने। इसके बाद वह गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से मैदान में उतरे और वहां उन्हें 1969 के मध्यावधि चुनाव के दौरान अकाली दल के टिकट पर विधायक के रूप में चुने गए। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)