चड़ीगढ़: पंजाब में अभी सत्ता की पावर को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच घमासन मचा ही हुआ था कि इस बीच अब पंजाब में पावर सप्लाई यानि बिजली सप्लाई का संकट पैदा हो गया। बता दें कि पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने औद्योगिक क्षेत्र के लिए आज और कल हफ़्ते में दो दिन की साप्ताहिक छुट्टी का ऐलान किया है। राज्य में भारी बिजली संकट को देखते हुए ये फैसला किया गया है। कई ज़िलों में 10-15 घंटों का बिजली कटौती हो रही है। वहीं बिजली की कमी से किसान भी परेशान हैं।
सरकारी दफ्तरों में काम का समय घटाने का ऐलान
सीएम अमरिंदर सिंह ने सरकारी दफ़्तरों में काम का समय घटाने का भी ऐलान कर दिया है। अब सरकारी दफ़्तरों में सुबह 8 बजे दोपहर 2 बजे तक ही काम होगा। साथ ही दफ़्तरों में एसी बंद रखने के भी आदेश दिए गए हैं। वहीं बिजली संकट के विरोध में आज अकाली दल ने प्रदर्शन भी किया है और विपक्षी दल अब बिजली के मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतर आए है। बता दें कि अकाली दल ने मानसा, मोगा, मोहाली, रोपड़ में पंखा लेकर प्रदर्शन किया।
सिद्धू ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल
पंजाब में बिजली संकट को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि- अगर सही दिशा में काम हुआ होता तो ये नौबत नहीं आती उन्होंने कहा कि बिजली की लागत, कटौती, बिजली ख़रीद समझौते की सच्चाई और कैसे पंजाब की जनता को मुफ़्त और 24 घंटे बिजली दी जा सकती है। अगर हम सही दिशा में काम करें तो पंजाब में पावर कट या मुख्यमंत्री के लिए दफ़्तर का समय या आम लोगों के एसी के इस्तेमाल को बदलने की कोई ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
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वहीं उन्होंने आगे लिखा कि पंजाब नेशनल ग्रिड से काफी सस्ते दाम पर बिजली ख़रीद सकता है, लेकिन बादल के दस्तख़त किए बिजली ख़रीद समझौते पंजाब के लोगों के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं। माननीय अदालतों से संरक्षण मिलने के कारण पंजाब इन PPAs से दोबारा मोलभाव नहीं कर सकता, लेकिन इसका भी एक रास्ता है। पंजाब विधानसभा नेशनल पावर एक्सचेंज में उपलब्ध क़ीमतों के आधार पर बिजली के दाम तय करने के लिए एक नया क़ानून ला सकती है, जो बीते समय से प्रभावी हो।