अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके पर सियासत शुरू, विपक्ष ने प्रशासन पर लगाया ये आरोप

13

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के दत्तपुकुर में रविवार को एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। इस विस्फोट में सात लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया कि राज्य प्रशासन हताहतों की संख्या कम बता रहा है। उनके पास उपलब्ध जानकारी के मुताबिक मरने वालों की संख्या करीब 10 है।

उन्होंने कहा, ”अवैध पटाखा कारखानों और गोदामों के मालिक और संचालक सभी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के करीबी विश्वासपात्र हैं और इसलिए प्रशासन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा। प्रशासन इस मुद्दे पर मीडिया का ध्यान और हंगामा कम होने का इंतजार करेगा। इन अवैध पटाखा इकाइयों के संचालन से तृणमूल कांग्रेस के राजनीतिक हित जुड़े हुए हैं।” पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि यह गलत धारणा है कि सभी पटाखा फैक्ट्रियां अवैध हैं। उन्होंने कहा, ”घटना दुखद है। लेकिन ये तो एक्सीडेंट का मामला है, जो कभी भी हो सकता है। इसका मतलब यह नहीं है कि राज्य की सभी पटाखा इकाइयां बंद कर दी जाएं। इस व्यवसाय से लाखों लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है। तमिलनाडु के पटाखा मैन्युफैक्चरिंग हब शिवकाशी में अक्सर ऐसे धमाकों की खबरें आती रहती हैं। लेकिन इससे वहां की पटाखा इकाइयां बंद नहीं हुईं।

यह भी पढ़ें-Himachal: अभिनंदन समारोहों पर सरकार ने लगाई रोक, सीएम ने बताई वजह

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल के मंत्री रथिन घोष ने कहा कि स्थानीय ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट (एआईएसएफ) नेता रमजान अली दत्तपुकुर में अवैध पटाखा गोदाम चलाने के पीछे थे, जहां रविवार सुबह विस्फोट हुआ था। उन्होंने कहा, ”इस क्षेत्र में एआईएसएफ बहुत मजबूत है। दुर्भाग्य से, न तो हमें और न ही स्थानीय पुलिस को इस अवैध कारोबार के बारे में पता था।” हालांकि, धमाके के बाद स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और उनका दावा था कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद स्थानीय पुलिस ने अवैध पटाखा फैक्ट्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। पश्चिम बंगाल विधानसभा में एआईएसएफ के एकमात्र प्रतिनिधि नौशाद सिद्दीकी ने कहा कि इस त्रासदी के लिए तृणमूल कांग्रेस के दो स्थानीय नेता केरामत अली और अजीबिर अली जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, ”वे भागने की कोशिश कर रहे हैं। उसे तुरंत हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी चाहिए।’ स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व को उनसे नियमित कमीशन मिलता था।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)