जयपुर: जोधपुर में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद प्रदेश में सियासी पारा गरमा गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले में एक के बाद एक दो मासूम नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म की घटना ने प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
जोधपुर के एक निजी स्कूल में सात साल की मासूम से दुष्कर्म का मामला अभी ठंडा ही हुआ था कि जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के पुराने परिसर में एक नाबालिग बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। सीएम गहलोत के गृह जिले में हैवानियत की इन घटनाओं के बाद प्रदेश में सियासी पारा गरमा गया है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के प्रमुख नेता सोशल मीडिया पर एक-दूसरे पर हमला बोल रहे हैं। घटना के बाद सीएम गहलोत ने बीजेपी को रेप पर राजनीति नहीं करने की सलाह दी तो नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सरकार को रेपिस्टों को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए, आरोपियों को कड़ी सजा देनी चाहिए।
बता दें कि राज्य में विधानसभा का बजट सत्र चल रह है। भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर सरकार को घेरते हुए हंगामा किया और विरोध में वॉकआउट किया। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर बीजेपी को रेप पर राजनीति नहीं करने की सलाह दी है। सीएम गहलोत ने लिखा कि हमारी बेटियां सुरक्षा और सम्मान की हकदार हैं। रेप की घटनाएं सभ्य समाज के लिए कलंक हैं। ऐसे जघन्य कृत्य की जितनी निंदा की जाए कम है, पर भाजपा नेता ऐसी घटनाओं की निंदा करने के बजाय हमेशा राजनीतिक लाभ के लिए सरकार पर झूठे आरोप लगाने लगते हैं।
दोषियों को दी जाएगी कड़ी सज़ा
मध्य प्रदेश के जोधपुर और दतिया में रेप की घटनाओं में बीजेपी और उनके संगठन से जुड़े लोगों के शामिल होने की खबरें आ रही हैं। ऐसी घटनाओं से भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा उजागर हो गया है। इन घटनाओं पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा चुप रहे। इन घटनाओं की निंदा तक नहीं की, जो महिला सुरक्षा पर भाजपा की गंभीरता को दर्शाता है। गहलोत ने कहा कि राजस्थान पुलिस ने जिस तत्परता से जोधपुर में नाबालिग लड़की से रेप के आरोपी को मात्र दो घंटे में गिरफ्तार कर लिया, वह सराहनीय है। आरोपी चाहे कितने भी प्रभावशाली क्यों न हों, प्रदेश सरकार मासूम बेटी को न्याय दिलाने के लिए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएगी।
विपक्ष ने लचर कानून व्यवस्था पर कही ये बात
सीएम गहलोत के इस बयान पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पलटवार किया है। राठौड़ ने गहलोत के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि मुख्यमंत्री जी, आपके गृहनगर जोधपुर के एक निजी स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली सात साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना पर स्याही अभी सूखी भी नहीं थी कि एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई है। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय का पुराना परिसर। उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना घटी जो अत्यंत हृदय विदारक एवं निंदनीय है। इस मामले में शामिल आरोपियों को इतनी कड़ी सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी अमानवीय घटना की पुनरावृत्ति न हो। आप राजस्थान के मुखिया हैं। प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था के कारण आपके गृह जिले में दुष्कर्म की दो घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन आपको सात साल की बच्ची के साथ हुई घटना का दर्द तक महसूस नहीं हुआ और संवेदना तक व्यक्त नहीं की।
दुष्कर्म की घटनाओं को राजनीतिक नजरिए से ने देखें
आगे उन्होंने कहा कि आपने विश्वविद्यालय की घटना को राजनीतिक चश्मे से देखा। राठौड़ ने लिखा कि हद है! आपसे अनुरोध है…. रेप जैसी घटना को राजनीतिक नजरिये से न देखें। प्रदेश में दुष्कर्म की घटनाओं में शामिल हर आरोपी को कड़ी सजा दी जानी चाहिए। उधर, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने भी ट्वीट कर सीएम गहलोत पर निशाना साधा. पूनियां ने लिखा कि मुख्यमंत्री के गृहनगर जोधपुर के हालात देखिए, एक निजी स्कूल की दूसरी कक्षा की छात्रा से दुष्कर्म, फिर उनके विधानसभा क्षेत्र की यूनिवर्सिटी में सामूहिक दुष्कर्म की घटना बेहद दुखद है. उनके संरक्षण में राज्य ने कुकर्मों के सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं।
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