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रोहिणी ब्लास्ट केस में जल्द आरोप पत्र दायर करेगी पुलिस, ये है पूरा मामला

नई दिल्ली: लुधियाना में गुरुवार को कोर्ट में हुए ब्लास्ट ने एक बार फिर लोगों को हाल ही में हुए रोहिणी कोर्ट ब्लास्ट की याद दिला दी। बीते नौ दिसंबर को हुए रोहिणी कोर्ट ब्लास्ट के मामले को पुलिस सुलझा चुकी है, लेकिन इस मामले में अभी भी साक्ष्य जुटाने का काम चल रहा है। इस मामले में पुलिस के हाथ कहीं अहम साक्ष्य लगे हैं, जिनकी मदद से पुलिस आरोपित साइंटिस्ट भारत भूषण कटारिया का अपराध कोर्ट के समक्ष साबित करेगी।

जानकारी के अनुसार, बीते नौ सितंबर दिसंबर को रोहिणी कोर्ट संख्या 102 में सुबह के समय अचानक धमाका हुआ था। शुरुआत में इसे एक लैपटॉप का धमाका बताया गया था, लेकिन जांच के दौरान पता चला कि यह आईईडी ब्लास्ट है।

इसमें अमोनियम नाइट्रेट रखक रिमोट कंट्रोल के द्वारा ब्लास्ट किया गया था। इसे लेकर प्रशांत विहार थाने में हत्या के प्रयास और एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। शुरुआत में पुलिस इस बात की जांच कर रही थी कि यह किसी की शरारत है या फिर आतंकी हमला तो नहीं। इसके लिए 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की एक हजार घंटे से ज्यादा की फुटेज को खंगाला गया था।

जांच के दौरान पुलिस टीम ने फुटेज में एक संदिग्ध व्यक्ति को दो लैपटॉप बैग के साथ देखा था। वह जब गेट के भीतर दाखिल हुआ तो उसके पास दो बैग थे लेकिन जब वह वापस गया तो उसके पास केवल एक ही बैग था। इससे यह साफ हो गया था कि यह शख्स धमाके के पीछे है।

पुलिस टीम ने अलग-अलग दृष्टिकोण से जांच करते हुए जब उसकी पहचान की तो पता चला कि उसका नाम भारत भूषण कटारिया है और वह अशोक विहार इलाके में परिवार सहित रहता है। वह डीआरडीओ का साइंटिस्ट है। इस मामले में पुलिस को कई अहम साक्ष्य हाथ लगे जिसकी मदद से पुलिस टीम ने बीते 17 दिसंबर की रात आरोपित साइंटिस्ट भारत भूषण कटारिया को गिरफ्तार कर लिया था। उनके पास से इस ब्लास्ट से जुड़ा हुआ काफी सामान बरामद हुआ था।

पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला था कि पड़ोसी वकील अमित वशिष्ठ के साथ उनका विवाद चल रहा था। इस विवाद में अमित वशिष्ठ को मारने के इरादे से उन्होंने कोर्ट रूम में बम रखा था। हालांकि इस ब्लास्ट में अमित वशिष्ठ बच गए। रोहिणी कोर्ट ब्लास्ट की गुत्थी को पुलिस ने भले ही सुलझा लिया है लेकिन अभी इसकी कड़ियां जोड़ने का काम जारी है। पुलिस इस मामले में वह सभी साक्ष्य जुटाने की कोशिश कर रही है जो साइंटिस्ट द्वारा किए गए अपराध को आसानी से कोर्ट के समक्ष साबित कर सकें।

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इसके लिए सीसीटीवी फुटेज को एफएसएल रिपोर्ट के लिए भेजना, ब्लास्ट वाली वस्तुओं की एफएसएल जांच, उनके घर से बरामद किए गए सामान को ब्लास्ट से लिंक करना आदि कार्य पूरे किए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि पुलिस टीम इस मामले में जल्द ही जांच पूरी करेगी और इसे लेकर आरोप पत्र दाखिल करेगी।

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