कानपुरः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कमांडर समेत दो सक्रिय सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद कानपुर में हाई अलर्ट कर दिया गया है। डीआईजी ने जनपद पुलिस के साथ खुफिया को निगरानी बढ़ाने के साथ ही चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सीएए व एनआरसी के विरोध के दौरान जेल भेजे गए लोगों की हरकत व उनके अकाउंट खंगालने के लिए इंटेलिजेंस को लगाया गया है।
बताते चलें कि प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने पीएफआई संगठन के स्थापना दिवस से पूर्व लखनऊ को दहलाने की साजिश का पर्दाफाश करते हुए कमांडर समेत दो सदस्यों को गिरफ्तार किया था। पीएफआई के साथी समेत कमांडर के पकड़े जाने के बाद कानपुर में भी हाई अलर्ट कर दिया गया है। पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि जिले में पूर्व में हुए सीएए व एनआरसी के विरोध के दौरान भी पीएफआई का कनेक्शन सामने आया था। साथ ही सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता को पीएफआई ने जान से मारने की धमकी भी दी थी। इसको देखते हुए जिले की पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है।
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साथ ही खुफिया एजेंसियों को भी जनपद के बस अड्डे, मंदिर, रेलवे स्टेशन, मॉल आदि भीड़भाड़ वाली जगहों पर पैनी नजर रखने के लिए लगा दिया गया है। पुलिस थाना क्षेत्रों में संदिग्धों की धरपकड़ के लिए वाहन चेकिंग अभियान चलाते हुए छानबीन कर रही है। डीआईजी ने बताया कि कानपुर में सीएए व एनआरसी के विरोध में हिंसा भड़की थी। जांच में इस हिंसा के पीछे भी पीएफआई कनेक्शन सामने आया था। उन्होंने बताया कि हिंसा मामले में उपद्रवियों को जेल भेजा गया था और अब लखनऊ में पीएफआई के दो सदस्यों के गिरफ्तारी होने के बाद ऐसे ही उपद्रवियों के बीच के गंठजोड़ को तलाशा जा रहा है।