कानपुरः कानपुर जनपद के नवाबगंज थानाक्षेत्र में रंजिश के चलते हुए दोहरे हत्याकांड में पुलिस ने भीम आर्मी के नेता समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार भीम आर्मी नेता वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य है और इन दिनों प्रयागराज जिले के अध्यक्ष के रुप में काम कर रहा था, साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर का बहुत करीबी भी है। पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से तमंचा व चापड़ बरामद कर लिया है और कोर्ट में पेश कर जेल भेजने की कार्यवाही की जा रही है।
बताते चलें कि नवाबगंज थाना इलाके में स्थित उजियारीपुरवा गांव निवासी किसान जयराम निषाद के चार बेटों में दूसरे नंबर का बेटा 26 वर्षीय राजकुमार पेंटिंग व फर्नीचर की ठेकेदारी का काम करता था। वह परमियापुरवा गांव निवासी कार चालक दोस्त रवि कुमार के साथ बातचीत कर रहा था। तभी इलाके में रहने वाले बसपा के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी व वर्तमान में भीम आर्मी नेता दीपू निषाद के इशारे पर विकास उर्फ विक्का, आकाश, विशाल व एक अन्य ने मिलकर दोनों को घेर लिया और धारदार हथियार से हमला कर दिया। इस दौरान हमलावरों ने दोनों पर गोली से भी फायर किया। दोनों की जघन्य हत्या के बाद सभी हमलावर मौके से भाग निकले। भीम आर्मी नेता समेत चार हत्यारोपियों को गिरफ्तार करते हुए पुलिस ने उनकी निशानदेही पर दोहरे हत्याकांड में प्रयुक्त आला कल्त तमंचा, खोखा व जिंदा कारतूस समेत चापड़ बरामद कर लिया। गिरफ्तार अभियुक्तों में एक हत्यारोपी शरीर पर रक्तरंजित कमीज पहने पकड़ा गया है। साथ ही उसके सिर पर भी काफी खून लगा है। डबल मर्डर की घटना में गिरफ्तार भीम आर्मी नेता दीपू निषाद पर पूर्व में भी कई संगीन आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं।
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भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का करीबी है दीपू
छोटी सी ही उम्र में दीपू निषाद को बड़ी राजनीतिक मंशा पाल बैठा था। इसके लिए उसने छात्र राजनीति में कदम रखा और डीएवी कॉलेज से अध्यक्ष का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद निषाद समाज में पैठ बढ़ाते हुए बसपा पार्टी का दामन थाम लिया। दलित निषाद गठजोड़ से पिछले जिला पंचायत चुनाव में कदम रखा और दिग्गजों को मात देकर जिला पंचायत सदस्य बनकर जनपद में चर्चा का केन्द्र बन गए। यही जीत बसपा प्रमुख मायावती को रास आ गई और उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में वीआईपी सीट कल्याणपुर से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया। हालांकि मोदी लहर के चलते दीपू निषाद की राजनीतिक महत्वाकांक्षा पर ब्रेक लग गया। इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के उभरते दलित चेहरे भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर उर्फ रावण की पार्टी में सक्रिय सदस्यता हासिल कर उनका करीबी बन गया।