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चोरी रोकने में नाकाम पुलिस कर रही गरीबों की पिटाई, आयोग ने मांगा जवाब

भोपालः मानव अधिकार आयोग ने बालाघाट जिले में चोरी के मामलों को लेकर पुलिस द्वारा बेकसूरों की पिटाई पर संज्ञान लिया है। मामले में संज्ञान लेकर मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने पुलिस महानिदेशक, मध्य प्रदेश तथा पुलिस अधीक्षक, बालाघाट से एक माह में तथ्यात्मक जवाब मांगा है।

आयोग द्वारा शुक्रवार को दी गई जानकारी के अनुसार बालाघाट जिले में चोरी रोकने में नाकाम पुलिस अब गरीबों को पीटकर उनसे जबरदस्ती चोरी का गुनाह कबूल करवाने पर तुली है, ताकि सवालों से घिरी पुलिस अपना बचाव कर सके। पुलिस आम लोगों के घर में हुई चोरियों को लेकर उतना गंभीर नजर नहीं आती है, लेकिन गत दिनों वारासिवनी के किसी राजनीतिक रसूख वाले के घर में हुई लाखों रूपये की चोरी में दबाव झेल रही पुलिस ने चोरी को खुलवाने उन गरीब परिवारों को अपनी वर्दी का रौब दिखाकर उनकी निर्ममता से पिटाई की।

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बालाघाट जिले के वारासिवनी नगर में जसवंत पटले के घर हुई चोरी के बाद उनके घर के पास रहने वाले गरीब परिवारों पर पुलिसवालों का सितम टूट पड़ा और संदेह के आधार पर पुलिस ने लगभग आधा दर्जन से ज्यादा पुरुषों को उठाकर उनकी इतनी बेरहमी से मारपीट की कि उनमें से कोई चलने में असमर्थ हो गया है, तो कोई पीठ के बल सो नहीं पा रहा है। पुलिस की इस तरह संदेह के आधार पर पिटाई से पीड़ित गरीब परिवारों ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर आर्थिक सहायता दिलाने और दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्यवाही करने की मांग की है।

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