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पोखरियाल बोले- किशोर आबादी में निवेश से भारत होगा लाभान्वित

नई दिल्लीः केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने शुक्रवार को कहा कि भारत की ऊर्जावान किशोर आबादी की सुरक्षा, स्वास्थ्य व शिक्षा के लिए निवेश होगा तो देश को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से लाभान्वित होने से कोई रोक नहीं सकता।

केंद्रीय मंत्री पोखरियाल ने आज एक्सप्रेशंस इंडिया और नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा जीवन कौशल, स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं विद्यालयों की भलाई पर आयोजित 9वें अंतर्राष्ट्रीय किशोर शिखर सम्मलेन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के 47.3 करोड़ किशोर देश की रीढ़ हैं। इस अवसर पर नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रोफेसर गोविंद प्रसाद शर्मा, एक्सप्रेशंस इंडिया के प्रोग्राम डायरेक्टर डॉ जितेंद्र नागपाल, नेशनल बुक ट्रस्ट के निदेशक युवराज मलिक एवं हज़ारों की संख्या में छात्र-छात्रा और शिक्षक भी जुड़े।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, किशोरावस्था में करियर के विकल्प ढूंढना, सार्थक संबंध बनाने और बनाए रखने के लिए प्रयास, तकनीकी विकास के साथ आगे बढ़ने का कौशल व व्यवहार जैसी अन्य चीजें विकसित होती हैं। इसलिए एक राष्ट्र के रूप में उनकी राय और सिफारिशों को सुनना और समझना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि किशोरों के लिए यह आवश्यक है कि वह 21वीं सदी के कौशल को विकसित करें जिसमें तीन मुख्य कौशल शामिल हो - शिक्षण कौशल यानि नए ज्ञान के अधिग्रहण करने के लिए आवश्यक कौशल, जीवन कौशल यानि रोजमर्रा की जिंदगी को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक कौशल व साक्षरता कौशल यानि जो पढ़ने, मीडिया और डिजिटल संसाधनों के नए ज्ञान को बनाने और प्राप्त करने में मदद करता है।

छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए निशंक ने कहा, "यह महामारी पूरे समुदाय के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय है। जहां एक तरफ छात्र-छात्राएं दूरस्थ शिक्षा के ‘नए सामान्य’ का पालन कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर उनमें चिड़चिड़ापन, बेचैनी और घबराहट भी बढ़ गई है लेकिन मैं आप सभी को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार भिन्न-भिन्न योजनाएं जैसे 'बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ', 'डिजिटल इंडिया', 'फिट इंडिया' और 'स्किल इंडिया' के द्वारा आप सभी के उज्जवल भविष्य के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।

इसके अलावा उन्होनें शिक्षा मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं जैसे निष्ठा, मनोदर्पण, इत्यादि के बारे में भी सभी को बताते हुए कहा, "मुझे गर्व है कि अंतर्राष्ट्रीय किशोर शिखर सम्मेलन ने इन उद्देश्यों को मनोदर्पण पहल के विस्तार के रूप में शामिल किया है, जो पूरे भारत में छात्रों, शिक्षकों और परिवारों को मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने में प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक हिस्सा है। यह सामाजिक-भावनात्मक भलाई के तत्वों से भी जुड़ा हुआ है जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में भी निहित है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किशोरों के लिए दिए गए प्रावधानों के बारे सबको बताते हुए उन्होंने कहा,