लखनऊः उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला, जो कभी देश में नक्सलियों की चरागाह के रूप में कुख्यात था, आज राज्य के विकास में भाग लेने वाला दूसरा सबसे महत्वपूर्ण जिला बन रहा है। निवेश के मामले में सोनभद्र पूर्वी उत्तर प्रदेश का नोएडा (Noida) बनने की राह पर है।
उद्यमियों ने डर से किया किनारा
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि प्राकृतिक और खनिज संसाधनों की प्रचुरता के बावजूद, दशकों की अराजकता और नक्सली गतिविधियों के कारण, उद्योग जगत सोनभद्र में बड़ा निवेश करने के लिए अनिच्छुक रहा। पिछले दशकों में नक्सलियों की लेवी डिमांड (अवैध वसूली) से परेशान उद्यमियों ने सोनभद्र से किनारा कर लिया है।
प्रवक्ता ने कहा कि सोनभद्र की परिस्थितियां अब पूरी तरह बदल चुकी हैं। अपराध और अपराधियों के खिलाफ योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति, दुर्गम और सीमांत क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का विकास, बुनियादी ढांचे का निर्माण और बेहतर कनेक्टिविटी ने न केवल सोनभद्र से नक्सली गतिविधियों को समाप्त कर दिया है, बल्कि अब यह जिला विकास का एक महत्वपूर्ण कारक बन गया है। ऊपर। भारत का दूसरा ग्रोथ इंजन बनने जा रहा है।
माना जाता है नक्सलियों का गढ़
उन्होंने कहा कि योगी सरकार अब ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-23 के बाद यूपी को मिले 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारी में जुटी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक नोएडा के बाद सबसे ज्यादा निवेश सोनभद्र में ही होने जा रहा है। इस निवेश से न केवल पूर्वाचल बल्कि प्रदेश के विकास को भी गति मिलेगी। सोनभद्र में लगभग 79 हजार करोड़ रुपये की 43 निवेश परियोजनाएं क्रियान्वित होने के लिए तैयार हैं।
सोनभद्र में ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़ी करीब 35 हजार करोड़ रुपये की दो बड़ी परियोजनाएं जल्द से जल्द लॉन्च होने की तैयारी है। इनमें ओबरा में 2×1600 मेगावाट का सुपर थर्मल पावर प्लांट और सिंगरौली में थर्मल पावर प्लांट का विस्तार शामिल है। इसके अलावा 3660 मेगावाट का ऑफ स्ट्रीम क्लोज्ड लूप पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट भी बी साबित होगा
अन्य नक्सल प्रभावित जिलों में भी होने जा रहा है बड़ा निवेश
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के पहले चरण के लिए नोएडा में 1.96 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं निवेश के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। वहीं, दूसरे स्थान पर सोनभद्र जिले का नाम सामने आया है। इसके बाद झांसी में करीब 63 हजार करोड़ रुपये की 175 परियोजनाएं, लखनऊ में 34 हजार करोड़ रुपये की 327 परियोजनाएं और बरेली में 31.7 हजार करोड़ रुपये की 357 परियोजनाएं क्रियान्वित होने जा रही हैं।
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टॉप फाइव में शामिल सभी जिलों की तुलना में सोनभद्र की ऊंची छलांग हर किसी को चौंका रही है। इसी तरह नक्सल प्रभावित जिले चंदौली और मीरजापुर में भी पहले चरण में बड़ा निवेश लागू करने की तैयारी है। जबकि चंदौली में 17.4 हजार करोड़ रुपये और मीरजापुर में 6 हजार करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाएं क्रियान्वयन के लिए तैयार हैं। बेहतर कानून-व्यवस्था विकास में कितनी मदद कर सकती है, यह तीनों जिलों के प्रदर्शन से साफ दिख रहा है। इसे योगी सरकार की बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा सकता है।
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