PM Modi Poland-Ukraine Visit: पोलैंड-यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्रा पर पीएम मोदी, जानें क्या हैं दौरे के मायने

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PM Modi Poland-Ukraine Visit , नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दो देशों पोलैंड और यूक्रेन की यात्रा पर रवाना हुए। वह सबसे पहले पोलैंड जाएंगे, जहां वह 21 और 22 अगस्त को रहेंगे। इसके बाद वह 23 अगस्त को यूक्रेन जाएंगे। यह पहली बार है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन की यात्रा पर जा रहा है। कीव और नई दिल्ली के बीच राजनयिक संबंध 30 साल पहले यानी 1994 में स्थापित हुए थे। पीएम मोदी की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध तेज हो गया है।

PM Modi की यूक्रेन यात्रा पर दुनिया की नजर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा (PM Modi Poland-Ukraine Visit) से पहले वहां रहने वाले भारतीयों को उम्मीद है कि रूस के साथ चल रहा युद्ध रुक सकता है। पीएम मोदी युद्ध विराम करा सकते हैं। ऐसे में पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा को लेकर भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में चर्चा है। सबसे बड़ी बात यह है कि पीएम मोदी पिछले महीने रूस की यात्रा पर थे और उनकी रूस यात्रा के महज कुछ दिनों के अंदर ही उनकी यूक्रेन यात्रा चर्चा का कारण बन गई है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा से रूस नाराज होगा, क्योंकि इस समय यूक्रेन रूस का सबसे बड़ा दुश्मन है और ऐसे में क्या रूस पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा को पसंद करेगा?

पीएम मोदी की यूक्रेन दौरा ऐसे समय हो रहा है जब यूक्रेनी सेना के रूस के कई इलाकों पर कब्जा करने की खबरें आ रही हैं। यूक्रेनी सेना रूसी सीमा के अंदर घुस आई है और उसने हमले तेज कर दिए हैं। इससे पहले पीएम मोदी पिछले महीने 8 जुलाई को रूस पहुंचे थे। उसी दिन रूस ने यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले किए थे, जिसमें बच्चों के एक अस्पताल को भी निशाना बनाया गया था।

PM Modi Poland-Ukraine Visit: यूक्रेन दौरे रूस होगा नाराज ?

इस हमले में कई बच्चों समेत 39 लोगों की मौत हो गई थी। नाराज जेलेंस्की ने कहा था कि यह बेहद निराशाजनक है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेता मॉस्को में सबसे बड़े अपराधी को गले लगा रहा है। हालांकि, इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा से रूस नाराज होगा? इस बारे में विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इस यात्रा का भारत और रूस के रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि पुतिन की चीन यात्रा पर भी भारत ने कोई नाराजगी नहीं जताई थी।

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रूस-यूक्रेन दोनों के साथ भारत के रिश्ते मजबूत

पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि रूस और यूक्रेन दोनों के साथ भारत के रिश्ते मजबूत और स्वतंत्र हैं, जिनका अपना अस्तित्व है। यह किसी एक के फायदे और दूसरे के नुकसान की बात नहीं है। गौरतलब है कि भारत रूस और यूक्रेन दोनों के साथ अपने संबंधों में संतुलन बनाए रखने में सफल रहा है। भारत ने कभी भी यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा नहीं की और न ही संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव का समर्थन किया। लेकिन भारत हमेशा से यूक्रेन को मानवीय सहायता भेजता रहा है।

पीएम की यूक्रेन यात्रा क्यों खास है?

  • यह यात्रा रूस-यूक्रेन युद्ध के बढ़ने के बीच हो रही है।
  • पीएम मोदी ने पिछले महीने मास्को में पुतिन से मुलाकात की थी।
  • युद्ध विराम में यूक्रेन की मदद की उम्मीद।
  • 23 अगस्त को यूक्रेन का झंडा दिवस।

रवाना होने पहले क्या बोले पीएम मोदी

रवाना (PM Modi Poland-Ukraine Visit) होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि वह यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर अपने विचार साझा करेंगे। एक मित्र और साझेदार के रूप में भारत क्षेत्र में शांति और स्थिरता की जल्द वापसी की उम्मीद करता है। विदेश यात्रा शुरू करने से पहले प्रधानमंत्री ने अपने बयान में कहा कि उन्हें विश्वास है कि यह यात्रा दोनों देशों के साथ व्यापक संपर्कों की स्वाभाविक निरंतरता के रूप में काम करेगी और आने वाले वर्षों में मजबूत और अधिक जीवंत संबंधों की नींव रखने में मदद करेगी।

उन्होंने कहा कि पोलैंड की उनकी यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब हम अपने राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे कर रहे हैं। पोलैंड मध्य यूरोप में एक प्रमुख आर्थिक साझेदार है। लोकतंत्र और बहुलवाद के प्रति हमारी पारस्परिक प्रतिबद्धता हमारे संबंधों को और मजबूत बनाती है। वह अपनी साझेदारी को और आगे बढ़ाने के लिए अपने मित्रों प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से मिलने के लिए उत्सुक हैं। वह पोलैंड में जीवंत भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मिलेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पोलैंड से वह राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन का दौरा करेंगे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा है। वह द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने और चल रहे यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर दृष्टिकोण साझा करने के लिए राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ पहले की बातचीत को आगे बढ़ाने के अवसर की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

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