Surat Diamond Bourse, सूरतः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने गृह प्रदेश गुजरात में दुनिया के सबसे बड़े ऑफिस कॉम्प्लेक्स ‘सूरत डायमंड बोर्स’ (SDB) का उद्घाटन किया। साथ ही पीएम मोदी ने सूरत के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का भी लोकार्पण किया। पिछले शुक्रवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने सूरत एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
इसके साथ ही सूरत को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा भी मिल गया। इसकी मांग पिछले 3 साल से की जा रही थी।टर्मिनल भवन में पीक आवर्स के दौरान 1200 घरेलू यात्रियों और 600 अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को संभालने की क्षमता है। पीक आवर्स के दौरान क्षमता बढ़ाकर 3000 यात्रियों तक करने का प्रावधान है। साथ ही वार्षिक हैंडलिंग क्षमता बढ़कर 55 लाख यात्रियों तक पहुंच रही है।
175 देशों से लोग यहां हीरे और आभूषण खरीदने आएंगे
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को जैसे ही गुजरात की आर्थिक राजधानी सूरत में दुनिया के सबसे बड़े कार्यालय भवन ‘सूरत डायमंड बोर्से’ का उद्घाटन किया, वैसे ही सूरत के इतिहास के पुनरुद्धार की शुरुआत हो गई। 16वीं-17वीं शताब्दी के इतिहास के पन्नों में सूरत वैश्विक व्यापार का एक प्रमुख केंद्र था, 84 देशों के लोग यहां व्यापार के लिए आते थे। अब सूरत डायमंड बोर्स के खुलने के साथ कहानी फिर से दोहराई जाएगी।
सूरत डायमंड बोर्स के खुलने के साथ सूरत के डायमंड बाजार में दुनिया के 175 देशों से लोग हीरे और आभूषण खरीदने आएंगे। दुनिया के 90 प्रतिशत हीरों की कटिंग और पॉलिशिंग के साथ सूरत हीरे और आभूषणों का व्यापारिक केंद्र भी बन जाएगा। इसी उद्देश्य से खजोद में 3500 करोड़ रुपये की लागत से सूरत डायमंड बोर्से का निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सुबह 4500 कार्यालयों वाले दुनिया के सबसे बड़े वाणिज्यिक केंद्र का औपचारिक उद्घाटन किया। इसके साथ ही सूरत अब हीरा व्यापार का एक प्रमुख वैश्विक केंद्र बन जाएगा, जो सूरत की विकास कहानी में एक और अध्याय जोड़ेगा।
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विश्व का सबसे बड़ा व्यापार केंद्र
एक्सचेंज की स्थापना का उद्देश्य भारत से हीरे, रत्न और आभूषणों के आयात, निर्यात और व्यापार को बढ़ावा देना और हीरा उत्पादन में शामिल छोटे और बड़े उद्यमों, एमएसएमई को आधुनिक बुनियादी ढांचा और वैश्विक मंच प्रदान करना है। सूरत में 175 देशों के व्यापारियों को पॉलिश किए हुए हीरे खरीदने का मंच मिलेगा। खास बात यह है कि सूरत डायमंड बोर्स के विश्वस्तरीय प्रोजेक्ट को साकार करने के लिए सिर्फ एक व्यक्ति या कंपनी नहीं, बल्कि 4200 कारोबारी एक साथ आए।
सूरत डायमंड बोर्स की खासियत
बता दें कि दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग अमेरिका का पेंटागन माना जाता है, जिसका निर्माण 65 लाख वर्ग फुट में किया गया था। अब इसकी जगह सूरत की 67 लाख वर्ग फीट की डायमंड बोर्स बिल्डिंग ने ले ली है। इतना ही नहीं, यह नौ टावरों में फैली एक ग्रीन इमारत है और इसमें नवीकरणीय और ग्रीन एनर्जी के लिए उच्चतम प्लैटिनम ग्रेडेशन है। साथ ही यहां वो सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं, जो दुनिया में सबसे अच्छी कही जा सकती हैं। सूरत डायमंड बोर्से का निर्माण 3500 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।
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