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पीएम मोदी बोले-आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा संसद का नया भवन

 

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को संसद के नए भवन का शिलान्यास किया। उन्होंने भूमिपूजन किया। इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी, प्रहलाद जोशी सहित 300 से ज्यादा मेहमान मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज का दिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील के पत्थर की तरह है। भारतीयों द्वारा, भारतीयता के विचार से ओत-प्रोत, भारत के संसद भवन निर्माण का शुभारंभ हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं के सबसे अहम पड़ावों में से एक है। हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे। इससे सुंदर क्या होगा, इससे पवित्र और क्या होगा कि जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मनाए, तो उस पर्व की साक्षात प्रेरणा, हमारी संसद की नई इमारत बने।

उन्होंने कहा कि संसद की मौजूदा इमारत स्वतंत्र भारत के उतार-चढ़ाव, हमारी चुनौतियों, सफलता का प्रतीक रहा है। इस भवन में बना प्रत्येक कानून, संसद में कही गई अनेक गहरी बातें हमारी लोकतंत्र की धरोहर हैं। लेकिन यथार्थ को भी स्वीकारना आवश्यक है। यह इमारत 100 साल की हो रही है। इसे कई बार रिपेयर किया गया। लोक सभा में बैठने की जगह बनाने के लिए दीवारों को भी हटाया गया। लेकिन अब संसद भवन विश्राम मांग रहा है। वर्षों से नए संसद भवन की जरुरत महसूस की गई है। पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पुराने संसद भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ, तो नए भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी। नए संसद भवन में ऐसी अनेक नई चीजें की जा रही हैं जिससे सांसदों की कार्यक्षमता बढ़ेगी, उनके कार्य संस्कृति में आधुनिक तौर-तरीके आएंगे। भारत में लोकतंत्र एक संस्कार है। भारत के लिए लोकतंत्र जीवन मूल्य है, जीवन पद्धति है, राष्ट्र जीवन की आत्मा है। भारत का लोकतंत्र, सदियों के अनुभव से विकसित हुई व्यवस्था है। भारत के लोकतंत्र में समाई शक्ति ही देश के विकास को नई ऊर्जा दे रही है, देशवासियों को नया विश्वास दे रही है। भारत में लोकतंत्र नित्य नूतन हो रहा है। भारत में हम हर चुनाव के साथ वोटर टर्नआउट को बढ़ते हुए देख रहे हैं। भारत में लोकतंत्र, हमेशा से ही गवर्नेंस के साथ ही मतभेदों को सुलझाने का माध्यम भी रहा है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि पॉलिसी में अंतर हो सकता है, पॉलिटिक्स में भिन्नता हो सकती है, लेकिन हम जनता की सेवा के लिए हैं, इस अंतिम लक्ष्य में कोई मतभेद नहीं होना चाहिए। वाद-संवाद संसद के भीतर हों या संसद के बाहर, राष्ट्रसेवा का संकल्प, राष्ट्रहित के प्रति समर्पण लगातार झलकना चाहिए। इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि हमारा देश लोकतंत्र के लिए परिपक्व हो चुका है। देश की जनता को आधुनिक लोकतंत्र के मंदिर संसद का नया भवन मिलने जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज शुभ दिन है जब इस नए भवन का शिलान्यास हो रहा है। भवन आधुनिक तकनीक से लैस होने के साथ देश के सभी प्रांतों की कला-संस्कृति से भरपूर होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।