PM Modi ने कहा- किसानों के हित में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही सरकार

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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश की खाद्य सुरक्षा के लिए दिन-रात काम करने वाले अपने किसान भाइयों और बहनों के हित में हम कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने यह बात आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयानों को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्याज पर निर्यात शुल्क कम करना हो या खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाना हो, ऐसे अनेक फैसले हमारे खाद्यान्न उत्पादकों को बहुत लाभ पहुंचाने वाले हैं। इनसे जहां उनकी आय बढ़ेगी, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

नरेंद्र मोदी किसान हितैषी प्रधानमंत्रीः शिवराज सिंह चौहान

इससे पहले केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पोस्ट पर कहा कि नरेंद्र मोदी किसान हितैषी प्रधानमंत्री हैं। कृषि और किसान कल्याण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसानों के हित में मोदी सरकार के कुछ बड़े फैसलों को शेयर करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

शिवराज सिंह चौहान ने अपनी एक्स पोस्ट पर लिखा कि किसान हितैषी मोदी सरकार ने किसान भाई-बहनों के हित में फैसला लेते हुए खाद्य तेलों पर आयात शुल्क 0% से बढ़ाकर 20% कर दिया है। अन्य घटकों को जोड़ने से कुल प्रभावी शुल्क 27.5% हो जाएगा। आयात शुल्क बढ़ाने से सोयाबीन की फसल के दाम बढ़ेंगे और खाद्य तेल निर्माता भी घरेलू किसानों से फसल खरीदने के लिए प्रेरित होंगे। जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा।

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ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ेंगे रोजगार

इस निर्णय से सोयाबीन खली का उत्पादन बढ़ेगा और इसका निर्यात किया जाएगा। साथ ही सोया से जुड़े अन्य क्षेत्रों को भी लाभ होगा। वहीं, किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार ने रिफाइंड तेल के लिए मूल शुल्क को बढ़ाकर 32.5% करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से रिफाइंड तेल के लिए सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली की फसलों की मांग बढ़ेगी। किसानों को इन फसलों के बेहतर दाम मिल सकेंगे और साथ ही छोटे और ग्रामीण क्षेत्रों में रिफाइंडरियां बढ़ने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

मोदी सरकार ने बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात शुल्क हटाने का निर्णय लिया है। निर्यात शुल्क हटने से बासमती उत्पादक किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा और बासमती चावल की मांग बढ़ने के साथ-साथ निर्यात भी बढ़ेगा। इसके साथ ही प्याज पर निर्यात शुल्क 40% से घटाकर 20% कर दिया गया है। निर्यात शुल्क में कटौती से प्याज उत्पादक किसानों को प्याज के अच्छे दाम मिलेंगे और प्याज का निर्यात भी बढ़ेगा। सरकार के इस फैसले से किसानों के साथ-साथ प्याज से जुड़े दूसरे सेक्टर को भी सीधा फायदा होगा।

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