राज्यसभा में बोले पीएम मोदी, अवसर तेरे लिए खड़ा है, फिर भी तू चुपचाप पड़ा है

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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान भारत में चल रहा है, देश इस पर गर्व कर सकता है। आज मिशन मोड में वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। कोरोना काल में विश्व में फार्मेसी हब के रूप में भारत उभर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा, चेचक, पोलियो पहले कितना डरावना लगता था। वैक्सीन के लिए क्या-क्या मेहनत करनी पड़ती थी? आज कम समय में वैक्सीन बनकर तैयार हो गई। दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान मेरे देश में चल रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज कोरोना ने भारत को दुनिया के साथ रिश्तों में एक नई ताकत दी है। जब कोरोना की वैक्सीन नहीं थी, तब दुनिया में कौन सी दवाई काम करेगी, तब विश्व का ध्यान भारत की दवाइयों पर गया। विश्व में फामेर्सी हब के रूप में भारत उभरकर आया है। डेढ़ सौ देशों मे दवाएं भेजी गईं। वैक्सीन के समय में भी विश्व भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है।

पीएम ने पढ़ीं मैथिलीशरण गुप्त की कविता
प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में मैथिलीशरण गुप्त की कविता की पंक्तियां पढ़ी, जो हैं- अवसर तेरे लिए खड़ा है, फिर भी तू चुपचाप पड़ा है। तेरा कर्मक्षेत्र बड़ा है, पल पल है अनमोल। अरे भारत! उठ, आंखें खोल..! उन्होंने आगे कहा कि आज के समय में अगर कहा जाता तो ऐसे कहते- अवसर तेरे लिए खड़ा है, तू आत्मविश्वास से भरा पड़ा है, हर बाधा हर बंदिश को तोड़, अरे भारत आत्मनिर्भरता के पथ पर दौड़।

महामारी से जीत का श्रेय भारत को जाता है-पीएम
अपने भाषण में पीएम ने कहा कि कोरोना की लड़ाई जीतने का यश किसी सरकार को नहीं जाता है, किसी व्यक्ति को नहीं जाता है लेकिन हिंदुस्तान को तो जाता है। गर्व करने में क्या जाता है? विश्व के सामने आत्मविश्वास से बोलने में क्या जाता है? प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने महामारी के दौरान वैश्विक संबंधों में एक स्थिति और छवि को मजबूत किया है। यही नहीं, इसी अवधि के दौरान इसने हमारे संघवाद को भी मजबूत किया है। 

भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र ही नहीं, बल्कि इसकी जननी
राज्यसभा में अपने भाषण में पीएम ने कहा कि लोकतंत्र को लेकर यहां काफी उपदेश दिए गए हैं, लेकिन मैं नहीं मानता कि जो बातें यहां बताई गईं हैं, उसमें देश का कोई भी नागरिक भरोसा करेगा। भारत का लोकतंत्र ऐसा नहीं है कि जिसकी खाल हम इस तरह से उधेड़ सकते हैं। भारत लोकतंत्र की जननी है, भारत का प्रशासन लोकतांत्रिक है, इसकी परंपरा, संस्कृति, विरासत, और इच्छाशक्ति लोकतांत्रिक है, जो हमें एक लोकतांत्रिक देश बनाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि हमारा लोकतंत्र किसी भी मायने में वेस्टर्न इंस्टीट्यूशन नहीं है। ये एक ह्यूमन इंस्टीट्यूशन है। भारत का इतिहास लोकतांत्रिक संस्थानों के उदाहरणों से भरा पड़ा है। प्राचीन भारत में 81 गणतंत्रों का वर्णन मिलता है। भारत का राष्ट्रवाद न तो संकीर्ण है, न स्वार्थी है, न आक्रामक है। ये सत्यम, शिवम, सुंदरम मूलों से प्रेरित है।

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किसान आंदोलन की मूलभूत बात पर चर्चा नहीं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई है। ज्यादा से ज्यादा समय जो बात बताई गईं वो आंदोलन के संबंध में बताई गई। किस बात को लेकर आंदोलन है उस पर सब मौन रहे। जो मूलभूत बात है, अच्छा होता कि उस पर भी चर्चा होती।