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पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्लीः 'मिसाइल मैन' के नाम से मशहूर वैज्ञानिक और देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (Dr. APJ Abdul Kalam) की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। पीएम मोदी ने एक वैज्ञानिक और एक राष्ट्रपति के रूप में देश के लिए किए गए उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने समाज के हर वर्ग के साथ तालमेल बिठाकर काम किया।

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डॉ. कलाम की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, "हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि। एक वैज्ञानिक और एक राष्ट्रपति के रूप में हमारे देश में उनके योगदान के लिए उनकी बहुत प्रशंसा की जाती है, जिन्होंने समाज के हर वर्ग के साथ तालमेल बिठाया।"

https://twitter.com/narendramodi/status/1581127428247896065?s=20&t=IQolh7pSvnmerLvmAEh6pA

गृह मंत्री अमित शाह ने भी पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि देते कहा कि डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जी ने राष्ट्रपति के रूप में देश का गौरव बढ़ाया। वैज्ञानिक के रूप में अपने ज्ञान व सामर्थ्य से देश को सशक्त बनाया और राष्ट्रवादी नागरिक के रूप में आदर्श स्थापित किये। उनकी जयंती पर उन्हें नमन करता हूं और युवाओं से उनके विचारों को पढ़ने का आग्रह करता हूं।

https://twitter.com/AmitShah/status/1581103404881149952?s=20&t=IQolh7pSvnmerLvmAEh6pA

15 अक्टूबर 1931 में हुआ था मिसाइल मैन का जन्म

बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम (Dr. APJ Abdul Kalam) का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती वर्षों में विज्ञान और भौतिकी का अध्ययन किया। अपने व्यावहारिक व्याख्यानों से विद्यार्थियों को स्वयं का सर्वश्रेष्ठ संस्करण बनने के लिए शिक्षण और प्रेरणा देने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। सबसे महत्वपूर्ण भारतीय मिसाइलों और अंतरिक्ष कार्यक्रमों के विकास की अगुवाई करने के लिए कलाम को ‘भारत का मिसाइल मैन’ भी कहा जाता है।

डॉ. कलाम को 2015 भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान या भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया। भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में उनके काम के लिए उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया। उन्होंने 27 जुलाई, 2015 को आईआईएम-शिलांग में लेक्चर देते समय अंतिम सांस ली।

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