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Guru Gobind Singh की जयंती पर स्वर्ण मंदिर पहुंचे हजारों श्रद्धालु, पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

चंडीगढ़ः दसवें सिख गुरु गुरु गोबिंद सिंह (Guru Gobind Singh) की 365वीं जयंती के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने गुरुवार को सिखों के सबसे पवित्र तीर्थ स्वर्ण मंदिर में हरमंदिर साहिब के दर्शन किए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कड़ाके की ठंड के बीच सुबह से ही हजारों श्रद्धालु मंदिर में पूजा-अर्चना करने और स्वर्ण मंदिर के पवित्र सरोवर में डुबकी लगाने के लिए पहुंच गए। दसवें सिख नेता गुरु गोबिंद सिंह की जयंती से पहले सिख श्रद्धालुओं ने हरमंदिर साहिब में नगर कीर्तन में भाग लिया। पंजाब के अन्य हिस्सों लुधियाना, जालंधर, पटियाला और अन्य कस्बों में विभिन्न धार्मिक स्थलों पर लोगों की भीड़ उमड़ी।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह (Guru Gobind Singh) को श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने ट्वीट किया, उनका अद्वितीय साहस आने वाले वर्षों में लोगों को प्रेरित करता रहेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, उनके प्रकाश पर्व के पवित्र अवसर पर, मैं श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को नमन करता हूं और मानवता की सेवा में उनके योगदान को याद करता हूं। उनका अद्वितीय साहस आने वाले वर्षों में लोगों को प्रेरित करता रहेगा।

Guru Gobind Singh

बता दें कि नानकशाही कैलेंडर के अनुसार, हर साल पौष मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह की जयंती बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है। इस दिन गुरुद्वारों को विशेष रूप से सजाया जाता है। कीर्तन का भी आयोजन किया जाता है। लंगर भी आयोजित होता है। वहीं गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व के अवसर पर श्रद्धालुओं ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में पवित्र डुबकी लगाकर अरदास की। इस दौरान काफी श्रद्धालु स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकते हुए दिखाई दिए।

गुरु गोबिंद सिंह का जन्म अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, 22 दिसम्बर 1666 को हुआ था। 7 अक्टूबर 1708 को मुगलों से युद्ध के दौरान उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था। श्री हजूर साहिब गुरु गोबिंद सिंह का शहीद स्थल है, जो महाराष्ट्र के नांदेड़ में है। गुरु गोबिंद सिंह ने 'वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह' का नारा दिया था। गौरतलब है कि गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों की वीरता और शहादत को याद करते हुए 2022 से 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

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