नई दिल्ली: PM Modi ने गुरुवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन का उद्घाटन किया और कहा कि पिछले दस वर्षों में दूसरे देश भारत की ओर देखने लगे हैं। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत की बातों को ध्यान से सुनती है। विदेश मंत्रालय और ओडिशा सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का विषय ‘विकसित भारत की अवधारणा में प्रवासी भारतीयों का योगदान’ है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। यह प्रवासी भारतीयों के लिए विशेष पर्यटक ट्रेन है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने केंद्रीय और राज्य मंत्रालयों एवं विभागों की चार प्रदर्शनियों और प्रचार स्टॉलों का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने समारोह में अपने संबोधन की शुरुआत भगवान जगन्नाथ और भगवान लिंगराज की पावन धरती पर दुनिया भर से आए अपने भारतीय परिवार का स्वागत करके की।
PM Modi ने गिनाई दस साल की उपलब्धियां
कुछ ही दिनों में प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो जाएगा, मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल और माघ बिहू के त्योहार भी आने वाले हैं। हर तरफ खुशी का माहौल है। इसके अलावा 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी लंबे समय तक विदेश में रहने के बाद भारत लौटे थे। ऐसे अद्भुत समय में भारत में आपकी उपस्थिति उत्सव की भावना को और बढ़ा रही है। भारत में आर्थिक विकास के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सिर्फ 10 साल में भारत में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ गए हैं। सिर्फ 10 साल में भारत दुनिया की 10वीं से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
वह दिन दूर नहीं जब भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत की सफलता को देख रही है। जब चंद्रयान शिव शक्ति बिंदु पर पहुंचता है, तो हमें गर्व होता है। आज जब दुनिया भारत के डिजिटल इंडिया की ताकत से चकित होती है, तो हमें गर्व होता है। आज भारत का हर क्षेत्र आसमान की ऊंचाइयों को छूने के लिए आगे बढ़ रहा है। 21वीं सदी का भारत आज जिस गति से आगे बढ़ रहा है। आज भारत में जिस पैमाने पर विकास कार्य हो रहे हैं, वह अभूतपूर्व है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हुनरमंद युवाओं से भरा हुआ देश है। उन्होंने कहा, “भारत का तेज हुनर और आर्थिक विकास पूरी दुनिया में देखा जा रहा है। आज का भारत न सिर्फ अपना पक्ष मजबूती से रखता है, बल्कि ग्लोबल साउथ की आवाज भी पूरी ताकत से उठाता है।” उन्होंने कहा कि जब दुनिया तलवारों के बल पर साम्राज्यों के विस्तार के दौर से गुजर रही थी, तब हमारे सम्राट अशोक ने यहां शांति का रास्ता चुना। यह हमारी विरासत की वही ताकत है, जिसकी बदौलत भारत आज दुनिया को यह बता पा रहा है कि भविष्य युद्ध में नहीं, बुद्ध में है। प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को भारत का राजदूत बताते हुए कहा कि पिछले 10 सालों में उन्होंने कई विश्व नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि दुनिया का हर नेता अपने देश में रहने वाले भारतीय प्रवासियों की तारीफ करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आप उनके समाज में सामाजिक मूल्य जोड़ते हैं।
प्रवासी भारतीयों की हर हाल में मदद
उन्होंने भारत को लोकतंत्र की जननी बताते हुए कहा कि लोकतंत्र हमारे जीवन का हिस्सा है। हमें विविधता सिखाने की जरूरत नहीं है, हमारा जीवन ही विविधता से चलता है। भारतीय जहां भी जाते हैं, वहां के समाज से जुड़ते हैं। भारतीय जहां भी जाते हैं, वहां के नियमों और परंपराओं का सम्मान करते हैं। हम उस देश, उस समाज की पूरी ईमानदारी से सेवा करते हैं। इन सबके साथ ही भारत हमारे दिलों में भी धड़कता रहता है।
प्रवासी भारतीयों के लिए केंद्र सरकार के कार्यों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम आपकी सुविधा और आराम को बहुत महत्व देते हैं। आपकी सुरक्षा और भलाई हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम अपने प्रवासी भारतीयों की संकट के समय में मदद करना अपना दायित्व समझते हैं, चाहे वे कहीं भी हों। यह आज भारत की विदेश नीति के मार्गदर्शक सिद्धांतों में से एक है।
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पिछले एक दशक में, हमारे दूतावास और कार्यालय दुनिया भर में संवेदनशील और सक्रिय रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले कई देशों में लोगों को काउंसलर सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। उन्हें मदद के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता था। अब इन समस्याओं का समाधान हो रहा है। पिछले दो वर्षों में ही 14 दूतावास और वाणिज्य दूतावास खोले गए हैं। ओसीआई कार्ड का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है। इसे मॉरीशस के 7वीं पीढ़ी के पीआईओ तक बढ़ाया गया है।
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