भुवनेश्वर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर गणेश पूजा में भाग लेने को लेकर उठे राजनीतिक विवाद को लेकर विपक्ष पर पलटवार किया। मोदी ने कहा, “सत्ता के भूखे लोग जो समाज को बांटने और तोड़ने में लगे हैं, उन्हें गणेश पूजा से परेशानी हो रही है। कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए नाराज हैं क्योंकि मैंने गणेश पूजा में भाग लिया।”
उत्सव देश के लिए सिर्फ आस्था का विषय नहींः मोदी
भुवनेश्वर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गणेश उत्सव देश के लिए सिर्फ आस्था का विषय नहीं है बल्कि इसने स्वतंत्रता आंदोलन में भी अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि जब अंग्रेज सत्ता की भूख में देश को बांटने में लगे थे, देश को जातियों के नाम पर लड़ा रहे थे, समाज में जहर फैला रहे थे, फूट डालो और राज करो की नीति उनका हथियार बन गई थी।
समाज के एक जुट करता है ये पर्व
तब लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजनों के जरिए भारत की आत्मा को जगाया। ऊंच-नीच, भेदभाव से ऊपर उठकर हमारा धर्म हमें एकजुट होना सिखाता है। मोदी ने कहा कि उस समय भी फूट डालो और राज करो की नीति पर चलने वाले अंग्रेज गणेश उत्सव के खिलाफ थे, आज भी समाज को बांटने और तोड़ने में लगे सत्ता के भूखे लोगों को गणेश पूजा से परेशानी हो रही है।
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उन्होंने कहा, “आपने देखा होगा, कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम के लोग इसलिए नाराज हैं क्योंकि मैंने गणेश पूजा में भाग लिया।” प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्नाटक में, जहां वे (कांग्रेस) सत्ता में हैं, उन्होंने इससे भी बड़ा पाप किया। उन्होंने भगवान गणेश की मूर्ति को सलाखों के पीछे डाल दिया। उन तस्वीरों की वजह से पूरा देश परेशान है। हम इन घृणित तत्वों को आगे नहीं बढ़ने दे सकते। हमें अभी भी बहुत कुछ हासिल करना है।
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