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Karnataka Elections: पीएम मोदी का बेंगलुरु में मेगा रोड शो, ‘जय बजरंगबली’ के लग रहे नारे

pm-modi-roadshow-bengaluru बेंगलुरुः कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चुनाव प्रचार के अंतिम चरण के लिए शुक्रवार को कर्नाटक पहुंचे है। वहीं कर्नाटक हाई कोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद आज बेंगलुरू में पीएम मोदी का 26 किमी लंबा मेगा रोड शो शुरू हो गया है। इस रोड शो में भाजपा समर्थकों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। रोड के दोनों तरफ भारी संख्या में समर्थक मौजूद हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पुष्प वर्षा कर रहे हैं। मोदी के इस रोड शो में जय बजरंगबली के नारे लग रहे हैं। साथ ही रोड शो में एक शख्स बजरंग बली के भेष में भी नजर आया। सुरक्षा की बात की जाए तो पीएम मोदी के रोड शो को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है। ये भी पढ़ें..Pali: सीवर की सफाई करने के दौरान बड़ा हादसा, जहरीली गैस की चपेट में आए 3 युवकों की मौत

13 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगा PM मोदी का रोड़ शो

बता दें कि पीएम मोदी का विशाल रोड शो करीब 13 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। पीएम मोदी का 26 किलोमीटर का मेगा रोड शो सुबह 10:00 बजे से शुरू हुआ है जो दोपहर 1.30 बजे के बीच जेपी नगर के ब्रिगेड मिलेनियम से बेंगलुरु सेंट्रल के मल्लेश्वरम में मरम्मा सर्कल तक चलेगा। पीएम मोदी के इस रोड शो में 10 लाख से ज्यादा लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। जबकि रोड शो का दूसरा चरण रविवार को बेंगलुरु में सुबह 10:00 बजे शुरू होगा। दरअसल कर्नाटक चुनाव के लिए प्रचार अंतिम चरण में पहुंच गया है। वहीं सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। बेगलुरु में पीएम मोदी का रोड शो भी काफी अहम माना जा रहा है। कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों के लिए 10 मई को मतदान होगा। जबकि परिणाम 13 मई को आएंगे। चुनाव प्रचार 8 मई की शाम पांच बजे थम जाएगा। pm-modi-roadshow

कोर्ट ने रोड़ शो पर रोक लगाने से किया इनकार

हालांकि एक दिन पहले शुक्रवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने पीएम मोदी के रोड पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने मौखिक रूप से स्पष्ट किया कि कोई अप्रिय घटना होने पर आयोजक जिम्मेदार होंगे, चाहे वे किसी भी दल के हों। कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि आयोजक किसी भी पार्टी के हों वह किसी भी अप्रिय घटना के लिए जिम्मेदार होंगे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि भारत में चुनाव एक त्योहार की तरह हैं और 1952 में हुए पहले आम चुनाव के बाद से रैलियां होती रही हैं। कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक रैलियां सूचना के प्रसार और चुनाव प्रक्रिया की समझ में भूमिका निभाती हैं। जनता के लिए। पीठ ने इस तथ्य पर ध्यान केंद्रित किया कि इसकी आवश्यकता को सुप्रीम कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत संघ के मामले में स्वीकार किया था।

कोर्ट ने पीआईएल पर की सुनवाई

उच्च न्यायालय अधिवक्ता अमृतेश एनपी और विश्वनाथ सरबद के माध्यम से दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रहा था। इस याचिका में राजनीतिक दलों के प्रचार को लेकर दायर याचिका में पीएम मोदी के रोड शो पर रोक लगाने की भी मांग की गई थी। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दलील दी कि बेंगलुरु में रोड शो करने वाले नेता अपने चुनाव प्रचार को 1 या 2 घंटे से बढ़ाकर 4 या 5 घंटे कर रहे हैं, जिससे जनता को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)