हिसार: आदमपुर की प्रतिभाशाली बेटी अंजलि शर्मा आगामी 11वें राजस्थानी अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका में नजर आएंगी। जोधपुर में एक से पांच फरवरी तक आयोजित होने वाले फेस्टिवल में फिल्म Plot Number-302 दिखाई जाएगी। फिल्म का प्रीमियर एक विशेष कार्यक्रम में होगा, जिसमें राजस्थानी सिनेमा को वैश्विक मंच पर पेश किया जाएगा। फिल्म के निर्देशक विजय सुथार ने मंगलवार को बताया कि प्लॉट नंबर 302 एचआईवी जैसे समसामयिक व सामाजिक मुद्दे को उजागर करती है।
Plot Number-302: क्या है फिल्म की कहानी
फिल्म एक ऐसी लड़की की कहानी पर आधारित है, जो एचआईवी संक्रमित है, लेकिन समाज उसे इसके पीछे का कारण जाने बिना चरित्रहीन घोषित कर देता है। लड़की की मौत के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस की जांच फिल्म को सस्पेंस से भरपूर बनाती है। विजय सुथार व विक्रम सिंह निर्मित इस फिल्म में सास-बहू व फ्लेमिंगो, मिशन रानीगंज व पद्मावत जैसी फिल्मों में काम कर चुकी अलीशा सोनी, अल्ताफ हुसैन, अंजलि शर्मा आदमपुर, सीमा दिनोदिया, दीपक गुर्जर, अभिषेक जांगिड़, रामकेश मीना, अश्मिता मीना, रिया सैन व रूद्र खत्री, एसएन लक्ष्यकार, महेश योगी मुख्य भूमिका में हैं।
फिल्म के लेखक विजय सुथार, छायांकन राज आशिवाल हैं जबकि संगीत डीजे भराली का है। निर्माताओं ने बताया कि फिल्म 7 फरवरी से राजस्थान, बेंगलुरू व मुंबई के कुछ सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म का विषय एचआईवी जैसी गंभीर बीमारी को लेकर समाज में व्याप्त भ्रांतियों के कारण व्यक्ति को अपने निजी जीवन में आने वाली परेशानियों को उजागर करता है, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देगा।
Plot Number-302: कौन है अंजली शर्मा
बता दें, अंजलि शर्मा आदमपुर के शांति निकेतन पब्लिक स्कूल में कार्यरत आनंद शर्मा व नृत्य शिक्षिका प्रतिभा शर्मा की पुत्री हैं। अंजलि के दादा डॉ. रामेश्वर लाल शर्मा पशुपालन विभाग में सहायक निदेशक के पद से सेवानिवृत्त होकर क्षेत्र के जाने-माने पशु चिकित्सक थे। दादी कांता शर्मा राजकीय महाविद्यालय में अतिथि व्याख्याता के पद पर सेवाएं दे रही हैं। अंजलि की छोटी बहन आस्था ठाकुर शर्मा नोएडा के एएएफटी इंस्टीट्यूट से फोटोग्राफी में ग्रेजुएशन कर रही हैं। शांति निकेतन पब्लिक स्कूल के चेयरमैन पपेंद्र ज्याणी ने बताया कि अंजलि हमेशा से ही होनहार छात्रा रही है। बचपन से ही उसे पढ़ाई के साथ-साथ अभिनय का भी शौक था। बाद में अंजलि ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कालिंदी कॉलेज से ग्रेजुएशन और जयपुर विश्वविद्यालय से ड्रामा में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की।
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दिल्ली में रहते हुए अंजलि ने एक इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर कोमल गांधार, लोहकूट, अरे शरीफ लोग, जब शहर हमारा सोता है, उरुभंगम और अंधा युग जैसे कई नाटकों का आजमगढ़, दिल्ली, नोएडा, पटियाला और पुरी, उड़ीसा जैसे शहरों में मंचन कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। अंजलि के परिवार, शिक्षकों और संस्थाओं तथा क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने उसे भविष्य में सफलता की शुभकामनाएं दी हैं। अंजलि का यह कदम साबित करता है कि ग्रामीण प्रतिभाएं भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी छाप छोड़ सकती हैं।
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