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Lucknow: बिजली दर तय करने के नए मानकों से महंगी हो सकती है बिजली

UP Electricity

Lucknow: अब प्रदेश में नए नियमों के तहत बिजली दर (Electricity Rate) तय करने की तैयारी है, जल्द ही इसका ड्राफ्ट जारी किया जाएगा। ऐसे में भले ही बीते पांच वर्ष से बिजली महंगी नहीं हुई है, लेकिन टैरिफ तय करने के नए मानकों के लागू होने पर बिजली महंगी हो जाएगी।

नए मानकों के आधार पर बिजली दर तय होने पर बिजली चोरी का खामियाजा भी विद्युत उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा। प्रस्तावित ड्राफ्ट में निजी घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए अधिक विकल्प दिए गए हैं। इससे बिजली दरों में बेतहाशा वृद्धि हो सकती है। प्रदेश के विद्युत वितरण निगमों में बिजली दर तय करने के लिए वर्ष 2019 में नियम बना था। यह पांच वर्ष के लिए मल्टी ईयर टैरिफ (एमवाईटी) यानी बहुवर्षीय टैरिफ है। इसका कार्यकाल खत्म हो गया है। ऐसे में 2025 में नया नियम बन रहा है। नियामक आयोग इसका ड्राफ्ट जल्द ही जारी करेगा।

दरअसल, मल्टी ईयर वितरण टैरिफ रेगुलेशंस के आधार पर प्रति वर्ष बिजली की दर तय की जाती है। वर्ष 2019 में पांच वर्ष के लिए बनाए गए रेगुलेशंस की अवधि खत्म होने पर नियामक आयोग ने अब नए सिरे से रेगुलेशंस बनाने के लिए 56 पेज का ड्राफ्ट जारी किया है। पांच वर्ष के लिए बनने वाले रेगुलेशंस पर 15 फरवरी तक आपत्ति सुझाव मांगे गए हैं। आयोग 19 फरवरी को सुनवाई करने के बाद रेगुलेशंस को अंतिम रूप देगा। प्रस्तावित रेगुलेशन पर आपत्ति जताते हुए उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में विरोध प्रस्ताव दाखिल किया है।

परिषद ने आरोप लगाया कि पावर कॉर्पोरेशन व पूर्वांचल-दक्षिणांचल डिस्काम के निजीकरण के लिए प्रस्तावित पांच कम्पनियों को लेने के इच्छुक निजी घरानों के दबाव में जल्दबाजी में रेगुलेशन बनाए गए हैं। इनसे बिजली कम्पनियों पर निकल रहे 33,122 करोड़ रुपए का सरप्लस खत्म होगा और इससे उपभोक्ताओं का बड़ा नुकसान होगा। नियामक आयोग ने बिजली चोरी से कॉर्पोरेशन को होने वाले नुकसान की भरपाई उपभोक्ताओं से करने पर पांच वर्ष पहले रोक लगा दी थी, लेकिन नए रेगुलेशन के लागू होने पर बिजली चोरी का खामियाजा उपभोक्ताओं को ही भुगतना पड़ेगा। इससे सरप्लस खत्म होने पर बिजली महंगी होगी। आयोग एक संवैधानिक संस्था है इसलिए बिना दबाव में आए पुराने मानकों को ही यथावत बनाए रखे क्योंकि उन पर अपीलेट ट्रिब्यूनल में मुकदमा चल रहा है।

ट्रांजेक्शन सलाहकार के लिए निकाला विज्ञापन

पावर कॉर्पोरेशन की रेगुलेटरी अफेयर्स यूनिट ने प्रदेश के 42 जनपदों से जुड़े दक्षिणांचल व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को निजी हाथों में सौंपने के लिए ट्रांजेक्शन सलाहकार टेंडर का विज्ञापन निकाल दिया है। ट्रांजेक्शन सलाहकार के विज्ञापन का विरोध बिजली कर्मियों ने शुरू कर दिया है। परिषद ने विज्ञापन को असंवैधानिक करार दिया है। सभी बिजली कम्पनियों ने नियामक आयोग में वर्ष 2025-26 के लिए वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) व टैरिफ का प्रस्ताव दाखिल किया है।

इससे स्पष्ट है कि आगामी वित्तीय वर्ष में दक्षिणांचल व पूर्वांचल डिस्कॉम को अपना बिजली व्यवसाय करना है। दूसरी ओर उसी रेगुलेटरी अफेयर्स यूनिट ने दोनों बिजली कम्पनियों को निजी हाथों में सौंपने के लिए कंसल्टेंट चयन के लिए टेंडर निकाला है। सभी बिजली कम्पनियों की वार्षिक राजस्व आवश्यकता नियामक आयोग में शपथ पत्र के आधार पर दााखिल की जा चुकी है। ऐसे में किस प्रकार से दो कम्पनियों को निजी हाथों में सौंपने के लिए ट्रांजेक्शन सलाहकार रखने का टेंडर जारी कर सकती हैं।

ओटीएस योजना में यूपीपीसीएल ने वसूले 47 करोड़ रुपए

यूपीपीसीएल ने एकमुश्त समाधान योजना में उपभोक्ताओं से 47 करोड़ रुपए का राजस्व वसूल किया है। ओटीएस योजना में 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक राजधानी में कुल 71 हजार बकाएदार उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया। पंजीकरण कराए उपभोक्ताओं को कुल 10.50 करोड़ रुपए की छूट भी मिली। पंजीकरण और वसूली में अमौसी जोन सबसे आगे रहा। यहां पर 30,400 से अधिक बकाएदारों ने पंजीकरण कराकर 23.50 करोड़ रुपए जमा किए।

वहीं लखनऊ मध्य जोन में 15,500 से अधिक बकाएदारों ने पंजीकरण कराए और 7.60 करोड़ रुपए से अधिक राजस्व हासिल हुआ। जानकीपुरम जोन में 15,300 से अधिक बकाएदारों ने पंजीकरण कराए और 9 करोड़ रुपए से अधिक राजस्व प्राप्त हुआ। गोमतीनगर जोन में 9100 से अधिक बकाएदारों ने पंजीकरण कराया और 6.50 करोड़ रुपए से अधिक राजस्व जमा किया। एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) का तीसरा चरण 31 जनवरी तक चलेगा। तीसरे चरण में एक किलोवाट भार व पांच हजार रुपए तक के बकाए पर एकमुश्त भुगतान करने पर अधिभार में 70 प्रतिशत और किस्तों में जमा करने पर 55 प्रतिशत की छूट मिल रही है।

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एक किलोवाट से अधिक भार के घरेलू उपभोक्ताओं, वाणिज्यिक उपभोक्ताओं, निजी संस्थानों व लघु एवं मध्यम उद्योग के सभी भार के उपभोक्ताओं को बकाए के एकमुश्त भुगतान पर 40 प्रतिशत और किस्तों में भुगतान पर 30 प्रतिशत की छूट मिल रही है। वहीं किसानों को उनके निजी नलकूप पर 31 मार्च 2023 तक के बकाए बिलों के विलंबित भुगतान अधिभार में छूट का लाभ मिलता रहेगा। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने उपभोक्ताओं से ओटीएस में दी जा रही छूट का लाभ उठाने की अपील की है।

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