खेल Featured

पहलवानों के समर्थन में उतरे खेल जगत के कई दिग्गज, कांग्रेस ने तेंदुलकर की चुप्पी पर उठाए सवाल

wrestlers-protest-delhi नई दिल्लीः भारत के लिए मेडल जीतने वाले कई पहलवान 23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर मंदर पर धरने पर बैठे हैं और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।इस मुद्दे पर देश का विपक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं।शुरुआत में पहलवानों को खेल से जुड़े बड़े नामों का समर्थन नहीं मिला, हर तरफ सन्नाटा पसरा था, लेकिन अब धीरे-धीरे अपनों का समर्थन मिलने लगा है। अनिल कुंबले से लेकर भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व मिडफील्डर मेहताब हुसैन तक उनके समर्थन में आ चुके हैं। एक तरफ जहां आम लोग से लेकर बड़े नेता पहलवानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बृजभूषण भी खुद को बेगुनाह साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।इतना ही नहीं डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर देश भर के पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं।इस बीच यूथ कांग्रेस ने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के मुंबई आवास के बाहर एक पोस्टर लगाया है जिसमें लिखा है कि आप इस गंभीर मुद्दे पर चुप क्यों हैं। यें भी पढ़ें..Gas Cylinder Price: LPG गैस के दामों में भारी कटौती, इतने रुपये सस्ता हुआ सिलेंडर

तेंदुलकर के घर के बाहर कांग्रेस ने लगाए पोस्टर

दरअसल सचिन तेंदुलकर ने अब तक पहलवानों से जुड़े इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं दिया है। इसके लिए मुंबई में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के घर के बाहर पहलवानों का समर्थन नहीं करने का पोस्टर लगाया, जिसे बाद में पुलिस ने हटा दिया। यह पोस्टर यूथ कांग्रेस सदस्य रंजीता गोरे ने लगाया था। पोस्टर में लिखा था कि खेल जगत में आप 'भगवान' हैं, लेकिन जब कुछ महिला खिलाड़ी यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठा रही हैं, सरकार से लड़ रही हैं, तब आपकी इंसानियत नजर नहीं आ रही है। इस बेहद गंभीर मुद्दे पर आपकी चुप्पी शोभा नहीं देती।

कुंबले भी आए समर्थन में

भारत के महानतम गेंदबाजों में से एक अनिल कुंबले भी पहलवानों के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार से काफी निराश हैं। उन्होंने लिखा- हमारे पहलवानों के साथ हुई हाथापाई के बारे में सुनकर मैं बहुत निराश हूं। सही बातचीत से सब कुछ सुलझ सकता है। मुझे उम्मीद है कि यह मसला जल्द ही सुलझ जाएगा। इस बीच, पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए, भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व मिडफील्डर मेहताब हुसैन भी बुधवार को पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शहर में एक विरोध मार्च में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि जब खिलाड़ी ओलंपिक पदक जीतते हैं तो प्रधानमंत्री के पास चाय और तस्वीरों के साथ उनकी मेजबानी करने का समय होता है, लेकिन मोदी के पास इन खिलाड़ियों को सुनने के लिए पांच मिनट का समय नहीं है। बात यहां तक ​​भी नहीं पहुंचती है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)