Sunday, November 24, 2024
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जन्म नक्षत्र और राशि के अनुसार करें पौधरोपण, सुख-शांति के साथ जीवन में मिलेगी सफलता

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लखनऊः सनातन परंपरा में हर वृक्ष में किसी न किसी देवता का वास होता है। इस कारण वृक्षों की पूजा की जाती है। लोग अपने-अपने ग्रहों के अनुसार वृक्षों को जल भी चढ़ाते हैं। ज्योतिष के अनुसार हर नक्षत्र का भी अपना वृक्ष है। जिस नक्षत्र में व्यक्ति का जन्म हुआ हो, उस नक्षत्र के वृक्ष की सेवा करें या उस वृक्ष का रोपण करें तो उसके जीवन में लाभ मिलता है।

27 नक्षत्रों के हैं अपने-अपने वृक्ष

आकाश को कुल 27 भागों में बांटा गया है। वही 27 नक्षत्र हैं। इन 27 नक्षत्रों के अपने-अपने वृक्ष हैं। अश्विनी नक्षत्र का वृक्ष है कुचिला। इसका पौराणिक नाम है कारस्कर, भरणी नक्षत्र का आंवला (पौराणिक नाम है धात्री), कृत्तिका का गूलर (पौराणिक नाम है उदुम्बर), रोहिणी का वृक्ष जामुन (पौराणिक नाम है जम्बू), मृगशिरा का खैर (पौराणिक नाम है खादिर), आर्द्रा का काला तेंदू (पौराणिक नाम है कृष्ण), पुनर्वसु का बांस (पौराणिक नाम है वंश), पुष्य का पीपल (पौराणिक नाम है अश्वस्थ), आश्लेषा का नागकेसर (पौराणिक नाम है नाग), मघा का बरगद (पौराणिक नाम है वट), पूर्वी फाल्गुनी का ढाक (पौराणिक नाम है पलाश), उत्तर फाल्गुनी का पाकड़(पौराणिक नाम है प्लक्ष), हस्त का रीठा (पौराणिक नाम है अरिष्ट), चित्रा नक्षत्र का बेल (पौराणिक नाम है विल्व) है।

इसी तरह स्वाती नक्षत्र का अर्जुन (पौराणिक नाम है अर्जुन), विशाखा का कटाई (पौराणिक नाम है विकंकत), अनुराधा का मौलश्री (पौराणिक नाम है बकुल), ज्येष्ठा चीड़ (पौराणिक नाम है सरल), मूला का साल (पौराणिक नाम है सर्ज), पूर्वाषाढ़ा का जलवेतस (पौराणिक नाम है वंजुल), उत्तराषाढ़ा का कटहल (पौराणिक नाम है पनस), श्रवण का मदार (पौराणिक नाम है अर्क), घनिष्ठा का शमी, शतभिषक का कदम्ब, पू. भाद्रपद का आम (पौराणिक नाम है आम्र), उत्तर भाद्रपद का नीम और रेवती नक्षत्र का महुआ (पौराणिक नाम है मधूक) वृक्ष है।

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अपने नक्षत्रों के स्वामी वृक्ष का पूजन करने और उन्हें लगाने से मनुष्य का अवश्य लाभ होता है। हर नक्षत्र और राशियों के वृक्ष होते हैं। इसके साथ ही कुछ वृक्ष ऐसे भी होते हैं, जिनका हर राशि के लिए फायदा होता है। व्यक्ति को इस पर ध्यान देकर अपने जीवन काल में अपनी राशि और नक्षत्रों के अनुसार पौधों का रोपण करने चाहिए।

राशियां और वृक्ष

इसी तरह 12 राशियों के भी अपने-अपने वृक्ष हैं। उसके अनुसार व्यक्ति को विशेष ध्यान देना चाहिए। राशियों में मेष राशि का वृक्ष है आंवला, कर्क राशि का नागकेशर, तुला राशि का सफेद पलाश, मकर राशि का शीशम, वृषभ राशि का जामुन, सिंह राशि का बेल, वृश्चिक राशि का केला, कुंभ राशि का खैर या शमी, मिथुन राशि का वृक्ष कटहल, कन्या राशि का वृक्ष आम, धनु राशि का वृक्ष पीपल, मीन राशि का नीम या पीपल है। अपनी राशि के अनुसार व्यक्ति को पौधरोपण करने से उसका लाभ होगा।

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