भोपालः मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को राजधानी भोपाल में आयोजित प्रतिभाशाली छात्र सम्मान समारोह में प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सम्मानित किया और 2000 रुपये की राशि हस्तांतरित की। इस दौरान मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 12वीं की परीक्षा में 75 प्रतिशत या अधिक अंक लाने वाले 78641 विद्यार्थियों के खातों में 196 करोड़ 60 लाख रुपये ट्रांसफर किये गये। मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यक्रम में घोषणा करते हुए कहा कि अगले साल से सीबीएसई बोर्ड (CBSE board) को भी लैपटॉप देने की योजना लागू की जायेगी।
पुष्प वर्षा कर किया छात्रों का अभिनंदन
भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में दोपहर 12 बजे शुरू हुए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने संभाग के टॉपर विद्यार्थियों को प्रतीक स्वरूप चेक प्रदान किये। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित भी किया। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज ने मंच से उतरकर कार्यक्रम में आए मेधावी विद्यार्थियों पर पुष्प वर्षा कर अभिनंदन किया। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद छात्र-छात्राओं से सीधा संवाद भी किया। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार, जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह के अलावा स्कूल शिक्षा एवं जनजातीय कार्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने विद्यार्थियों को आई लव यू कहकर अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि मेरे बेटे-बेटियों, जैसे आपके माता-पिता आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए सोचते हैं, वैसे ही मैं भी आपके भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए दिन-रात सोचता रहता हूं।
उन्होंने कहा कि टॉपर बच्चों ने मुझसे कहा कि मामा जी स्कूटी आपने एमपी बोर्ड को दी है, हमें नहीं। अब सभी टॉपर बच्चों को स्कूटी भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आप छात्रों से सुझाव लेने के लिए एक पोर्टल बनाएंगे। सुझाओ, हम फिर किसी बहाने साथ बैठेंगे। मुझे सबसे ज्यादा खुशी तब होती है जब मैं अपने भतीजे-भतीजियों के बीच होता हूं।
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कांग्रेस पर साधा निशाना
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 2018 में जब कांग्रेस सरकार सत्ता में आई तो तीन साल के लिए लैपटॉप बंद हो गए। बच्चों की फीस भरना भी बंद कर दिया था। अभी मैं तीन लाख बच्चों की फीस भर रहा हूं, जबकि कांग्रेस ने फीस और लैपटॉप देना बंद कर आपका भविष्य अंधकारमय करने का पाप किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2003 तक जब हम मध्य प्रदेश में स्कूल जाते थे तो एक हाथ में स्कूल बैग और दूसरे हाथ में कपड़ा लेकर जाते थे। बैठने की कोई व्यवस्था नहीं थी। विद्यालय भवन जर्जर थे। अब मामा के राज में बिजली की पढ़ाई कर रहे हो। कांग्रेस का समय था, तब शिक्षकों को 500 रुपये वेतन मिलता था। जब हमारी सरकार आई तो शिक्षकों को शिक्षक बनाकर सम्मान दिया गया। हमने पुरानी कांग्रेस सरकार द्वारा पैदा की गई गड़बड़ी को सुधारने का प्रयास किया।
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