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योगी सरकार में बदली प्राथमिक विद्यालयों की तस्वीर, छात्रों की संख्या में भी इजाफा

लखनऊः उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों की तस्वीर पूरी तरह से बदलने लगी है। स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी, कंप्यूटर से लेकर शानदार बुनियादी ढांचा प्राथमिक स्कूलों के आधुनिक होने की दिशा में बढ़ते कदम हैं। योगी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि छात्रों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इसी का परिणाम है कि भारत सरकार के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के 2019-20 के परफारमेंस इन्डेक्स (पीजीआई) में प्रदेश ने ग्रेड-1 में स्थान सुनिश्चित किया है। 2017 के पहले प्राथमिक स्कूलों की स्थिति इतनी खराब थी कि अभिभावक अपने बच्चों को इन स्कूलों में भेजना नहीं चाहते थे। उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों की स्थिति को सुधारने के लिए योगी सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। पिछले साढ़े चार सालों में सरकार ने प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है।

प्रदेश सरकार ने 1.33 लाख से अधिक विद्यालयों में छात्रों के लिए मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाया है। सैकड़ों स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाया गया है। वह कान्वेंट स्कूलों को टक्कर दे रहे हैं। निजी स्कूलों की तरह यहां पर बच्चों की बेहतर पढ़ाई के लिए हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई गयी हैं। बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास रूम, खेलने के लिए मैदान, लाइब्रेरी व बेहतर कक्षाओं के साथ हर तरह की सुविधा छात्रों की दी जा रही है। योगी सरकार की पहल के बाद यहां पर छात्रों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। पिछले साढ़े चार सालों में अभिभावक महंगे निजी स्कूल चुनने के बजाय परिषदीय विद्यालयों में अपने बच्चों के दाखिले करा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2019 में आपरेशन कायाकल्प की शुरुआत की।

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इसके तहत 1.33 लाख परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले 1.64 करोड़ बच्चों को आधुनिक परिवेश के साथ स्वच्छ और सुरक्षित माहौल देने उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। योजना के अन्तर्गत विद्यालय का सौंदर्यीकरण, शुद्ध पेयजल, शौचालय, फर्नीचर आदि की व्यवस्था की जा रही है। लगभग 90 फीसदी विद्यालयों को योजना से संतृत्प किया जा चुका है। प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में अब तक एक लाख 26 हजार से अधिक नियुक्ति हुई है। वर्तमान में 1.33 लाख परिषदीय विद्यालयों में 5.75 लाख शिक्षक हैं। बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से चलती रहे, इसके लिए बच्चों को समय से कापी-किताब उपलब्ध कराया गया। साथ ही बच्चों को स्कूल ड्रेस के साथ ठंड से बचने के लिए स्वेटर और जूते-मोजे भी उपलब्ध कराए गए। इस व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने इस बार अभिभावकों के खाते में सीधे लगभग 1100 रुपये भेजे हैं। निरंतर स्कूलों में बदलाव हो रहा है।

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