चीन से तनाव के बीच लड़ाकू क्षमता बढ़ा रहा फिलीपींस, भारत से खरीदेगा एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर

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नई दिल्लीः भारत के साथ ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का सौदा करने के बाद अब फिलीपींस अपनी लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने के लिए भारत से एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टरों का एक बैच खरीद रहा है। फिलीपींस ने इसी साल की शुरुआत में सुपरसोनिक मिसाइल खरीदने के लिए भारत से 374 मिलियन डॉलर से अधिक का सौदा किया है। भारत के लिए रक्षा निर्यात के लिहाज से यह सौदा इसलिए ऐतिहासिक है, क्योंकि यह सबसे बड़ा और पहला विदेशी सौदा है। ब्रह्मोस मिसाइल के सौदे पर भारत और फिलीपींस के बीच वर्षों से बातचीत चल रही थी लेकिन दोनों देशों ने इसी साल 3 मार्च को प्रमुख रक्षा संधि पर हस्ताक्षर किए। फिलीपींस ने भारत से सुपरसोनिक मिसाइल खरीदने के लिए 414 करोड़ रुपये का अलग से बजट जारी किया था।

फिलीपींस ने भारतीय ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के 374.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर के प्रस्ताव को अपनी नौसेना के लिए शोर-आधारित एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम अधिग्रहण परियोजना की आपूर्ति के लिए स्वीकार किया है। भारत में निर्मित दुनिया की सबसे घातक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की तीन बैटरीज खरीदी हैं। ब्रह्मोस एयरोस्पेस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन करता है, जिन्हें पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों या भूमि प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है। यह सौदा पूरा करने के बाद अब फिलीपींस दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ दशकों से चल रहे क्षेत्रीय विवादों के साथ-साथ सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी सेना के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। फिलीपींस अपनी लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए भारत से उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों का एक बैच खरीद रहा है। पता चला है कि दोनों पक्ष प्रस्तावित अधिग्रहण पर बातचीत कर रहे हैं।

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स्वदेशी रूप से विकसित एएलएच हेलीकॉप्टर 5.5 टन भार वर्ग में एक जुड़वां इंजन, बहु-भूमिका, बहु-मिशन नई पीढ़ी का हेलीकॉप्टर है और इसे विभिन्न सैन्य अभियानों के लिए एक प्रभावी प्लेटफॉर्म माना जाता है। फिलीपींस दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार है। पिछले कुछ वर्षों के भीतर खासकर समुद्री क्षेत्र में द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा संबंधों में तेजी आई है। फिलीपींस दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) का एक प्रमुख सदस्य भी है, जिसके साथ पिछले एक दशक में भारत के संबंधों में बड़ा विस्तार हुआ है। तेजस विमान पहले से ही मलेशिया के लिए शीर्ष पसंद के रूप में उभरा है, क्योंकि मलेशिया भी अपने पुराने लड़ाकू विमानों के बेड़े को बदलने पर विचार कर रहा है। चीन के जेएफ-17 जेट, दक्षिण कोरिया के एफए-50 और रूस के मिग-35 के साथ-साथ याक-130 से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद मलेशिया ने पहले ही भारतीय विमानों पर अपनी पकड़ कम कर ली है।

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