राजस्थान के पेट्रोल मालिक क्यों दे रहे हड़ताल की चेतावनी, क्या है पूरा मामला?

8

Petrol pump owners strike। Rajasthan: राजस्थान के पेट्रोल पंप संचालकों ने सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। लंबे समय से वैट में कटौती नहीं होने और डीलरों का कमीशन नहीं बढ़ने के कारण राज्य भर के पेट्रोल और डीजल पंप संचालकों ने 10 मार्च से हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। इस दौरान 11 मार्च को जयपुर में सचिवालय घेरने की चेतावनी दी गई है।

वैट बढ़ने से हो रहा घाटा

राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भाटी ने कहा कि राजस्थान में बढ़े वैट के कारण पेट्रोल पंप संचालकों को लगातार घाटा हो रहा है। हम काफी समय से सरकार से वैट कम करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पड़ोसी राज्यों में पेट्रोल राजस्थान से काफी सस्ता बिक रहा है। वहीं, पिछले 7 साल से डीलर्स के कमीशन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। इसके चलते राजस्थान के ज्यादातर पेट्रोल पंप बंद होने की कगार पर हैं।

इसी को लेकर हमने 10 मार्च से 12 मार्च तक हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही 11 मार्च को प्रदेश भर के पेट्रोल पंप संचालक जयपुर में सचिवालय का घेराव भी करेंगे। ताकि हम अपनी जायज मांगों को सरकार तक पहुंचा सकें।

यह भी पढ़ें-Lok Sabha Elections: कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, सुरेश पचौरी समेत कई पूर्व विधायक भाजपा में शामिल

आम जनता का हो रहा शोषण- राजेंद्र सिंह भाटी

सिंह ने कहा कि राजस्थान में बीजेपी सरकार के नेता चुनाव से पहले बढ़े हुए वैट को कम करने की मांग करते थे। जब से बीजेपी सत्ता में आई है। उनके नेता वैट कम करने की बात भूल गये हैं। वहीं, राजस्थान में बढ़े वैट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता सार्वजनिक मंच पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं, लेकिन राजस्थान में बीजेपी सरकार बनने के बाद इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे न सिर्फ पेट्रोल पंप संचालकों बल्कि आम जनता का भी शोषण हो रहा है।

सात साल से नहीं बढ़ा कमीशन

जयपुर पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष लादू सिंह ने कहा कि सरकार ने पिछले सात साल से पेट्रोल पंप संचालकों का कमीशन नहीं बढ़ाया है, जबकि पिछले सात साल में महंगाई बढ़ी है। कर्मचारियों का वेतन बढ़ गया है, यहां तक कि किराया भी बढ़ गया है। इसके बावजूद हमारा कमीशन नहीं बढ़ रहा है, जिसे अब बढ़ाया जाना चाहिए। इसके साथ ही तेल कंपनियों को हम पर हाई स्पीड पेट्रोल और तेल खरीदने का दबाव नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि जनता सामान्य पेट्रोल खरीदना पसंद करती है।

ऐसे में महंगा तेल बेचना मुश्किल हो जाता है। इससे पहले राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी भी 13, 14 और 15 सितंबर को हड़ताल पर रहे थे और सरकार से वैट घटाने की मांग की थी। लेकिन फिर सरकार ने एक कमेटी बनाकर पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन की हड़ताल खत्म करा दी।

भारत में सबसे महंगा ईंधन राजस्थान के श्रीगंगानगर में बिक रहा है। यहां एक लीटर पेट्रोल की कीमत 113.30 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 98.07 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है। वहीं, महाराष्ट्र के परभणी में पेट्रोल 109।26 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.66 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)