लखनऊः किसानों को अपनी ओर से फसलों में कीटनाशक का छिड़काव (pesticide spraying) करने से हमेशा मना किया जाता है। इसके बाद भी बिना जानकारी के कुछ किसान पारंपरिक अनुभवों के आधार पर कीटनाशकों का प्रयोग करते आ रहे हैं, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।
कृषि विशेषज्ञ डाॅ. मनोज चंद्रा व डॉ. अखिलेश कुमार दुबे ने किसानों को ऐसा न करने की सलाह दी है। किसानों को अपनी ओर से पता नहीं होता है कि वह फसल में कीटों पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए किस कीटनाशक का इस्तेमाल करें। इसके लिए वह ऐसी दुकानों पर पहुंचते हैं, जहां कीटनाशक की बिक्री की जाती है। दुकानदार ही, किसान को गाइड करते हैं और वह अपने अनुभव के आधार पर खाद-बीज तथा कीटनाशक का नाम सुझाते हैं। वह ही कीटनाशक के छिड़काव की मात्रा भी बताते हैं। यह दशकों से चली आ रही परंपरा बन चुकी है लेकिन सच्चाई यह है कि खाद-बीज दुकानदार भी कीटनाशकों के बारे में पूरी तरह से परिपक्व नहीं होते हंै। जब कभी इसके साइड इफेक्ट होते हैं, तो पूरी फसल बर्बाद हो जाती है।
मिट्टी के पोषक तत्व को करते हैं प्रभावित
गलत कीटनाशक या इसकी मात्रा खेतों की उर्वरा शक्ति को भी नहीं छोड़ती है। किसानों को इसके बारे में पता भी नहीं चल पाता है, जबकि खेतों में मिट्टी के पोषक तत्व कम पड़ जाते हैं इसलिए कृषि विभाग सरकार के वादे यानी दोगुनी आमदनी को पूरा करने के लिए सक्रिय हुआ है। इसके लिए जल्द ही सरकारी बीज एवं कीटनाशक विक्रेताओं के साथ बैठकें आयोजित की जाएंगी। गांवों में कैंप लगाकर वैज्ञानिकों को बुलाया जाएगा। यह लोग खाद-बीज दुकानदारों को खाद, बीज या कीटनाशक के इस्तेमाल और उसकी मात्रा की जानकारी देंगे।
जानकारी के बिना नहीं होगी कीटनाशक की खरीददारी
बीते सप्ताह कृषि निदेशालय की ओर से गोमतीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में कृषि मंत्री ने भी निर्देश दिए थे कि किसानों को बीज, कीटनाशक और खाद की कमी न होने दें। किसानों को किसी प्रकार की मदद की जरूरत पड़े, इससे पहले अफसर गांवों तक संपर्क बनाएं। अधिकारी खुद किसानों से मिलें। बता दें कि यूपी में कीटनाशक की कमी नहीं है। विक्रेताओं के पास कई ब्रांड उपलब्ध हैं। इनमें ज्यादातर अच्छे भी हैं। मलिहाबाद के किसान राजेश सिंह यादव का कहना है कि उनके यहां ब्लाक में दो कीटनाशक विक्रेताओं को बुलाया गया था। क्षेत्र में जिन दवाओं की बिक्री हो रही है, उनके डीलरों से भी संपर्क किया गया था। विक्रेताओं ने इस बात की गारंटी ली है कि वह डीलर के संपर्क में हैं। जानकारी के बिना किसी कीटनाशक की खरीददारी नहीं की जाएगी।
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सरकार कर चुकी है प्रतिबंधित
कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश कुमार दुबे ने किसानों को सावधान किया है। उन्होंने इंडिया पब्लिक खबर के माध्यम से यह जानकारी दी है कि भारत सरकार ने तमाम कीटनाशकांे पर प्रतिबंध लगा रखा है। कुछ और कीटनाशक प्रतिबंधित किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी मानकों पर खरे उतरने वाले कीटनाशकों का ही प्रयोग करें अन्यथा नुकसान तय है। उन्होंने बताया कि कुछ कीटनाशक काफी हार्ड होते हैं।
– शरद त्रिपाठी की रिपोर्ट
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