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Paush Putrada Ekadashi 2025: पौष पुत्रदा एकादशी कब है ? बने रहे ये शुभ योग, भूलकर भी न करें ये काम

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Paush Putrada Ekadashi 2025: नए साल 2025 की पहली एकादशी पौष पुत्रदा एकादशी है, जो पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ती है। पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत उन दंपत्तियों के लिए खास माना जाता है जो संतान प्राप्ति की कामना रखते हैं।

पौराणिक मान्यता है कि इस व्रत को पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से करने पर संतान प्राप्ति का वरदान मिलता है। इस बार पौष पुत्रदा एकादशी के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष पौष पुत्रदा एकादशी 9 जनवरी 2025 को शुरू होकर 10 जनवरी 2025 को समाप्त होगी।

Paush Putrada Ekadashi 2025: पौष पुत्रदा एकादशी की तिथि और समय

  • प्रारंभ: 9 जनवरी दोपहर 12:22 बजे
  • समाप्त: 10 जनवरी सुबह 10:19 बजे
  • व्रत का मुख्य दिन: 10 जनवरी 2025 दिन शुक्रवार

Paush Putrada Ekadashi 2025 पर बन रहे दो शुभ योग

इस साल पौष पुत्रदा एकादशी के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं। सुबह से दोपहर 2:37 बजे तक शुभ योग रहेगा। उसके बाद शुक्ल योग रहेगा, जो पूरे दिन रहेगा। पौष पुत्रदा एकादशी के दिन सुबह से दोपहर 1:45 बजे तक कृत्तिका नक्षत्र है। उसके बाद उसके बाद से रोहिणी नक्षत्र शुरू हो जाएगा।

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Paush Putrada Ekadashi 2025: पूजा मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:27 से सुबह 6:21 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:08 से दोपहर 12:50 बजे तक
  • सूर्योदय: सुबह 7:15 बजे

इस दिन भक्तों को स्नान-ध्यान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और व्रत रखना चाहिए।

पौष पुत्रदा एकादशी पर भद्रा का समय

पौष पुत्रदा एकादशी के दिन स्वर्गीय भद्रा का योग है। समय: सुबह 7:15 से सुबह 10:19 बजे तक
स्थान: स्वर्ग में भद्रा होने के कारण इसका कोई बुरा प्रभाव नहीं होगा।

Paush Putrada Ekadashi 2025: पौष पुत्रदा एकादशी पर पारण का समय

  • पारण प्रारंभ: 11 जनवरी, प्रातः 7:15 बजे
  • पारण समाप्त: प्रातः 8:21 बजे

पुत्रदा एकादशी के दिन भूलकर भी न करें ये काम

  • पुत्रदा एकादशी के दिन कुछ खास काम करने से बचना चाहिए।
  • इस दिन तुलसी माता को जल नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि इस दिन तुलसी माता व्रत रखती हैं। ऐसे में उन्हें जल चढ़ाने से उनका व्रत टूट सकता है।
  • एकादशी के दिन मांस-मदिरा का सेवन न करें और तामसिक चीजों से दूर रहें।
  • किसी के बारे में बुरा सोचने से बचें और इस दिन किसी का अपमान न करें, वाद-विवाद से दूर रहें।
  • एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित माना गया है। इसलिए इस दिन चावल से बनी चीजों का सेवन न करें।
  • इसके अलावा एकादशी तिथि पर बाल और नाखून कटवाने से बचना चाहिए।

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