Paush Purnima: पौष पूर्णिमा के दिन महालक्ष्मी स्त्रोत का जरूर करें जाप, होगीं सभी मनोकामनाएं पूरी

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नई दिल्लीः हिंदू धर्म में पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को बेहद खास माना जाता है। पौष पूर्णिमा के दिन व्रत एवं माता लक्ष्मी और भगवान श्रीहरि की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी के विधिवत आराधन से धन एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और सभी कष्टों का नाश हो जाता है। पौष पूर्णिमा छह जनवरी 2023 (शुक्रवार) को है। पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का भी विशेष महत्व है। पौष पूर्णिमा के दिन चंद्रमा संपूर्ण कलाओं के युक्त नजर आते हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों में पौष पूर्णिमा पर रात में मां लक्ष्मी की विधिवत आराधना के साथ ही महालक्ष्मी स्त्रोत के जाप का उल्लेख किया गया है। इस स्त्रोत के शुद्ध उच्चारण से मां लक्ष्मी अपने भक्त पर बेहद प्रसन्न होती हैं और उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण भी करतीं हैं।

महालक्ष्मी स्तोत्र
नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते ।
शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते ।।
नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि ।
सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते ।।
सर्वज्ञे सर्ववरदे देवी सर्वदुष्टभयंकरि ।
सर्वदुखहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते ।।

सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि ।
मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते ।।
आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि ।
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे ।
महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते ।।
पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणी ।
परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते ।।

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श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते ।
जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते ।।
महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं यः पठेद्भक्तिमान्नरः ।
सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा ।।
एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम् ।
द्विकालं यः पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वितः ।।
त्रिकालं यः पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम् ।
महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा ।।

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