अस्पताल में बिजली कटने से गर्मी से तड़पते रहे मरीज, CMO ने दिए जांच के आदेश

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गुनाः सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आरोन में बीती रात नौ बजे बिजली गुल हो गई। 30 मिनट तक मरीज और प्रसूताएं गर्मी से तड़पती रहीं। परिजन मरीजों को गर्मी से राहत देने के लिए गमछे से हवा करते नजर आए। लेकिन अस्पताल में रखे जनरेटर को अस्पताल प्रशासन ने चालू नहीं किया। मरीजों के परिजन जनरेटर को चालू कराने के लिए चिल्लाते रहे, लेकिन डॉक्टर ने मरीजों से कहा कि वार्डों में उजाले के लिए केवल इन्वर्टर चलेगा। जिला अस्पताल में मरीज गर्मी से बचने के लिए घर से टेबल फेन लेकर आ रहे हैं। उधर, इस मामले में कलेक्टर ने सीएमएचओ को जांच के आदेश दिए हैं।

बिजली कटौती का असर अब जिला अस्पताल सहित ग्रामीण अंचलों के अस्पतालों में दिखने लगा है। बीती रात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आरोन में बिजली गुल होने से मरीज अपने बिस्तरों पर तड़पते रहे तो मैटरनिटी वार्ड में प्रसूताएं और बच्चे भी बेहाल दिखे। नवजात भीषण गर्मी की वजह से बिलख रहे थे। उधर, अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टर राजकुमार पाल उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि इन्वर्टर से केवल बल्व ही जल सकते हैं।

बीएमओ ने कहा डीजल हो गया महंगा

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आरोन बीएमओ डॉ. श्रीकृष्ण सिंह ने कहा कि बीती रात बिजली गुल तो हुई थी, लेकिन इन्वर्टर से पंखे क्यों नहीं चले इसको दिखवाते हैं। हालांकि, जब उनसे सवाल किया कि अस्पताल में जनरेटर हैं, तो उसको चालू क्यों नहीं किया गया। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि डीजल 100 रुपये लीटर हो गया है। ऊपर से बजट मिलता नहीं है। शासन के साफ निर्देश हैं कि बिजली गुल होने पर इन्वर्टर ही चलाया जाए। अगर विषम परिस्थिति होती है, तभी जनरेटर चालू किया जाता है। जनवरी से जनरेटर चालू नहीं किया गया है।

जिला अस्पताल में गर्मी से बेहाल मरीज, घर से लाते हैं पंखा

जिला अस्पताल की हालत भी खराब है। जिला अस्पताल की गैलरी में मरीज जमीन पर भर्ती थे, उनको डॉक्टरों ने जमीन पर ही ड्रिप लगा दी। हालात यह थे कि वार्डों में भर्ती मरीज गर्मी से राहत के लिए अपने घर से पंखा ला रहे हैं। मरीजों का कहना है कि वार्ड में कूलर तो लगे हैं, लेकिन उनको अस्पताल प्रशासन चालू नहीं करता है। जिसकी वजह से वह घर से ही पंखा लेकर आते हैं।

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