Women Reservation Bill: नए संसद भवन में महिला आरक्षण बिल पर आज होगी तीखी बहस

16

Womens-Reservation-Bill

Parliament Women Reservation Bill: संसद के विशेष सत्र का आज तीसरा दिन है। मंगलवार को नए संसद भवन में कार्यवाही शुरू हो गई है। पहले दिन लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया गया और पीएम मोदी ने सांसदों को संबोधित किया। वहीं, नई संसद में आज ‘शक्ति वंदन बिल’ यानी महिला आरक्षण बिल पर बहस होनी है।

वित्त मंत्री सीतारमण सदन में रखेंगी सरकार का पक्ष

आपको बता दें कि आज संसद भवन में महिला आरक्षण बिल पर बहस होने वाली है। लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी आज महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस की ओर से मुख्य वक्ता होंगी। वहीं सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, भारती पवार और अपराजिता सारंगी अपना पक्ष रखेंगे। विपक्ष की ओर से आज सोनिया गांधी महिला आरक्षण बिल पर अपना पक्ष रखेंगी। महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक बहस होगी। इस बहस के हंगामेदार होने के आसार हैं।

ये भी पढ़ें..महिला आरक्षण बिलः लोकसभा के चुनाव में मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक, विपक्षी रणनीति की निकली हवा

33 फीसदी सीटें महिलाओं

गौरतलब है कि महिला आरक्षण बिल लोकसभा (Parliament) में पेश हो चुका है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बिल को लोकसभा में पेश किया। महिला आरक्षण बिल पर सभी पार्टियां एक साथ नजर आ रही हैं। ऐसे में इस बिल के दोनों सदनों से आसानी से पारित होने की उम्मीद है। इस बिल के कानून बनने के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी।

यह विधेयक 33% कोटा के भीतर SC/ST और एंग्लो-इंडियन के लिए उप-आरक्षण का भी प्रस्ताव करता है। आरक्षित सीटें राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में रोटेशन के माध्यम से आवंटित की जा सकती हैं। महिला आरक्षण विधेयक के समर्थकों का तर्क है कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण और प्रतिनिधित्व में सुधार की दिशा में एक आवश्यक कदम है।

महिला आरक्षण पर क्या बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हमने मेक इन इंडिया का पूरा फायदा उठाया है। आज नया संसद भवन देश के लिए एक ऐतिहासिक फैसले का गवाह बना है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में आज लोकसभा में एक बिल पेश किया गया है। हमारा प्रयास रहा है कि महिलाओं को हर क्षेत्र में उचित भागीदारी मिले। उन्होंने कहा कि पहले टेक्नोलॉजी में बदलाव आने में 50-50 साल लग जाते थे, आज कुछ ही हफ्तों में बदलाव आ जाते हैं। आधुनिकता एक आवश्यकता बन गई है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)