Parliament Session 2024, नई दिल्लीः नई सरकार के गठन के बाद आज लोकसभा का 18वां सत्र शुरू हुआ। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कैबिनेट मंत्रियों और विपक्षी सदस्यों को शपथ दिलाई। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि संविधान पर हमला स्वीकार्य नहीं है। इस दौरान एक खास बात ने सबका ध्यान खींचा। सभी विपक्षी सांसदों ने संविधान की किताब हाथ में लेकर शपथ ली, जबकि सत्ता पक्ष के किसी सांसद ने ऐसा नहीं किया।
इस बारे में जब पत्रकारों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सवाल किया तो उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह को आड़े हाथों लेते हुए जवाब दिया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह जिस तरह से संविधान पर हमला कर रहे हैं, वह हमें स्वीकार्य नहीं है, इसलिए हम शपथ लेते समय संविधान को हाथ में पकड़े हुए हैं।”
कोई भी ताकत भारत के संविधान को छू नहीं सकती
राहुल गांधी से जब पूछा गया कि क्या वह ऐसा करके कोई संदेश देना चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से एक संदेश है। मैं आपको एक बात बता दूं कि कोई भी ताकत भारत के संविधान को छू नहीं सकती। भारत का संविधान हमारे लिए सबकुछ है और जो भी इस पर हमला करेगा, हम उसे नहीं छोड़ेंगे। इस दौरान राहुल ने पत्रकारों को संविधान की किताब भी दिखाई और कहा कि देखिए हमारे लिए यही सबकुछ है। इस दौरान जब राहुल से बीजेपी द्वारा 25 जून को ‘काला दिवस’ मनाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
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Parliament Session: पीएम ने अपने संबोधन में कही ये बात
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 18वीं लोकसभा के लिए सदन के नेता के रूप में शपथ ली। इससे पहले अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि ‘आपातकाल के दौरान लोगों को जेल में डाल दिया गया था। आपातकाल देश के लोकतंत्र पर एक काला धब्बा है। 50 साल पहले लोकतंत्र पर एक काला धब्बा लगा था। देश को एक अच्छे विपक्ष की जरूरत है। विपक्ष को लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। उम्मीद है कि इस बार विपक्ष सार्थक चर्चा करेगा।’
हिंदुस्तान के संविधान को कोई शक्ति नहीं छू सकती pic.twitter.com/FQAbsx6ltf
— Congress (@INCIndia) June 24, 2024
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी के शब्दों पर जमकर निशाना साधा। खड़गे ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, प्रधानमंत्री मोदी ने आज अपने परंपरागत शब्दों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल किया। इसे कहते हैं, रस्सी जल गई, पर ताकत नहीं गई।
25 जून को काला दिवस मनाती है भाजपा
गौरतलब है कि 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाया गया था। आपातकाल के दौरान कई लोगों को जेल में डाल दिया गया था। इतना ही नहीं, उस दौरान मीडिया पर भी हमले किए गए थे। कई पत्रकारों को भी सलाखों के पीछे भेज दिया गया था। तब से बीजेपी 25 जून को ‘काला दिवस’ के तौर पर मनाती है।