राज्यसभा और लोकसभा की बैठक अनिश्चित काल के लिए स्थगित

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नई दिल्लीः राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही बुधवार को तय तिथियों से पूर्व अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। यह सत्र किसान आंदोलन, लखीमपुर खीरी की घटना पर गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग और राज्यसभा में 12 सदस्यों के निलंबन के चलते हंगामेदार बना रहा। विपक्ष ने इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की। गौरतलब है कि इस सत्र में सरकार ने किसानों की मांग मानते हुए कृषि कानूनों को निरस्त करने से जुड़ा विधेयक भी पारित कराया। विपक्ष का आरोप रहा कि सरकार ने इन कानूनों को पारित करवाते समय और अब इन्हें निरस्त करते समय चर्चा नहीं कराई।बता दें, संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू हुआ था और यह 23 दिसंबर को समाप्त होना था। लेकिन एक दिन पहले ही उच्च सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

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संसद में इन मुद्दों पर हुई चर्चा

सदन की बैठक बुधवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। इस दौरान 18 बैठकें हुईं और सदन का कार्य 82 प्रतिशत रहा, वहीं व्यवधान के कारण 18 घंटे 48 मिनट का समय बर्बाद गया। लोकसभा स्पीकर ने कहा कि हंगामे के चलते सदन के 18 घंटे 48 मिनट बर्बाद हुए हैं। इस बार शीतकालीन सत्र के दौरान कृषि विधि निरसन विधेयक 2021, राष्ट्रीय औषध शिक्षा अनुसंधान संस्थान संशोधन विधेयक 2021,केंद्रीय सतर्कता आयोग संशोधन विधेयक 2021, दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन संशोधन विधेयक 2021 और निर्वाचन विधि संशोधन विधेयक 2021 जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए गए। ।

इसके अलावा सत्र के दौरान 91 तारांकित प्रश्नों के जवाब दिए गए और 20 दिसंबर को 20 तारांकित प्रश्नों की सूची को कवर किया गया। शून्यकाल के दौरान लोक महत्व के 563 मामलों को सदस्यों ने उठाया। कोविड-19 वैश्विक महामारी और जलवायु परिवर्तन के विषय पर अल्पकालिक चर्चा भी हुई।

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