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Parliament Monsoon Session: हंगामे के बीच लोकसभा में तीन विधेयक पेश, AAP सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड

Parliament Monsoon Session

Parliament Monsoon Session- नई दिल्लीः मणिपुर पर चर्चा की मांग को लेकर लोकसभा में सोमवार को भी जबरदस्त हंगामा हुआ और नारेबाजी की गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला शोर-शराबे के बीच प्रश्नकाल चलाने की कोशिश करते रहे। उन्होंने करीब 27 मिनट तक सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही का संचालन भी किया। लेकिन हंगामा और नारेबाजी बढ़ने पर उन्हें सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

12 बजे लोकसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी हंगामा जारी रहा। मणिपुर मुद्दे पर सदन में विपक्ष के विरोध के दौरान राज्यसभा सभापति ने आप सांसद संजय सिंह को पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया। सूत्रों के मुताबिक निलंबन के बावजूद संजय सिंह राज्यसभा में अपनी सीट पर बैठे हुए हैं।

हंगामे के बीच लोकसभा में तीन विधेयक पेश

वहीं विपक्षी दलों के हंगामे और नारेबाजी के बीच सरकार ने लोकसभा में तीन विधेयक – राष्ट्रीय नर्सिंग और प्रसूतिविद्या आयोग विधेयक 2023, संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक 2023 और राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक 2023 पेश कर दिए। साथ ही सरकार ने सदन की सहमति से लोकसभा में डीएनए प्रौद्योगिकी (प्रयोग और लागू होना) विनियमन विधेयक, 2019 को वापस ले लिया है।

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कांग्रेस की तरफ से सोनिया गांधी ने संभाला मोर्चा

इससे पहले सोमवार को सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही (Parliament Monsoon Session) शुरू होते ही कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने मोर्चा संभाला, जबकि सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी मोर्चा संभालते दिखे। 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सोनिया गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष से कई बार आग्रह किया कि उनके नेता अधीर रंजन चौधरी को सदन में बोलने का मौका दिया जाए। सोनिया के काफी अनुरोध के बाद बिड़ला ने चौधरी को बोलने का मौका दिया।

चौधरी ने खड़े होकर एक बार फिर मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में आकर मणिपुर मुद्दे पर बयान देना चाहिए। कांग्रेस नेता की मांग का जवाब देने के लिए तुरंत खड़े हुए प्रल्हाद जोशी ने आरोप लगाया कि सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष चर्चा से भाग रहा है और उसका एकमात्र उद्देश्य सदन की कार्यवाही को बाधित करना है। इस बीच बिरला को यह कहते सुना गया कि सरकार पहले ही कह चुकी है कि वह चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष यह तय नहीं कर सकता कि चर्चा का जवाब कौन देगा।

इस बीच सरकार की ओर से राजनाथ सिंह बोलने के लिए खड़े हुए। राजनाथ सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि मणिपुर जैसी गंभीर घटना पर भी विपक्ष गंभीर नहीं है। उनके बोलते ही विरोध जताते हुए कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी और कई अन्य विपक्षी दलों के सांसद तख्तियां लहराते और नारे लगाते हुए वेल में आ गए।

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