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Monsoon Session: GST और महंगाई के खिलाफ विपक्ष का जबरदस्त हंगामा, सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित

नई दिल्लीः संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session) का आज दूसरा दिन है। आज भी संसद के निचले सदन लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने मंहगाई और बढ़ती कीमतों पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की है। विपक्ष के हंगामे को देखते हुए लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी है। मंगलवार को सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, समाजवादी पार्टी, एनसीपी और लेफ्ट सहित अन्य पार्टियों ने जीएसटी और महंगाई का मुद्दा उठाना शुरू किया। स्पीकर द्वारा प्रश्नकाल शुरू कर देने के बाद विपक्षी दलों के सांसद जीएसटी और महंगाई को लेकर बनाए गए तख्तियों को लेकर सदन के वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। नारेबाजी करते हुए विपक्षी सांसद स्पीकर के आसन के समक्ष पहुंच गए।

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विपक्षी दलों ने जमकर किया हंगामा

विपक्षी दलों के हंगामे के बीच लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल चलाने की कोशिश की। उन्होंने सदन में तख्तियां लहराने और हंगामा कर रहे सांसदों को फटकार लगाते हुए कहा कि नियम 349 के सदन के अंदर तख्तियां लेकर आना उचित नहीं है और सदन के अंदर सभी को मर्यादा का पालन करना चाहिए। बिरला ने आगे सांसदों से अपील करते हुए कहा कि सांसदों ने किसानों के समर्थन मूल्य को लेकर महत्वपूर्ण प्रश्न लगाए हैं, इसलिए सदन चलने देना चाहिए।

हंगामा लगातार जारी रहने पर नाराजगी जाहिर करते हुए बिरला ने आगे कहा कि पिछले सत्र में भी उन्होंने महंगाई पर चर्चा को मंजूरी दी थी लेकिन सदन के बाहर किसानों और महंगाई की बात करने वाले आप लोग (विपक्षी सांसद) सदन में इस पर चर्चा ही नहीं करना चाहते, जो गलत है। लोक सभा अध्यक्ष की अपील, फटकार और नाराजगी जाहिर करने के बाद भी सदन में हंगामा जारी रहा जिसे देखते हुए बिरला ने सदन की कार्यवाही को दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

हंगामे की भेट चढ़ा पहला दिन

गौरतलब है कि कल यानी सोमवार को सत्र (Monsoon Session) के पहले दिन भी इन्हीं सब मुद्दों पर हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही एक घंटे के भीतर ही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी। राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों से मिली जानकरी के मुताबिक, कांग्रेस के कुछ नेताओं और द्रविड़ मुनेत्र कषगम के तिरूची शिवा तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के एलामारम करीम ने महंगाई, पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्यों में वृद्धि और हाल ही में दूध और दही सहित कई खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाए जाने के मुद्दे पर चर्चा के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिए हैं।

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