इस्लामाबादः पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लाहौर हाईकोर्ट से जोर का झटका लगा है। हाईकोर्ट ने छह साल पुराने मानहानि मामले में इमरान खान की याचिका खारिज कर दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इमरान खान पर 6.1 करोड़ डॉलर मानहानि का दावा किया था। इस पर इमरान ने समय पर अदालत में जवाब दाखिल नहीं किया था। लाहौर की सत्र अदालत ने फैसला दिया था कि इमरान खान ने इस मामले में जवाब दाखिल करने या विरोध करने का अधिकार खो दिया है, क्योंकि वह शहबाज शरीफ की आपत्तियों का समय पर जवाब दाखिल करने में विफल रहे थे।
इस पर इमरान खान ने शहबाज शरीफ द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि के मामले में ‘जवाब दाखिल करने के अधिकार’ से वंचित करने के संबंध में सत्र अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। लाहौर हाई कोर्ट के न्यायाधीश चौधरी मोहम्मद इकबाल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद खान की याचिका खारिज कर दी और सत्र अदालत के फैसले को बरकरार रखा। ज्ञातव्य है कि अप्रैल 2017 में इमरान खान ने दावा किया था कि शहबाज ने पूर्व प्रधानमंत्री और उनके बड़े भाई नवाज शरीफ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पनामा पेपर लीक मामले को वापस लेने के लिए एक मित्र के जरिए उन्हें 6.1 करोड़ डॉलर देने की पेशकश की थी।
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इसके बाद शहबाज शरीफ ने इमरान खान के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया और आरोप लगाया कि खान ने उनके खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयान दिए हैं। शहबाज ने जनता में उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए मुआवजे के रूप में 6.1 करोड़ डॉलर की वसूली के लिए अदालत से अनुरोध था।
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