इस्लामाबादः पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। उनके खिलाफ अवमानना के मामले को इस्लामाबाद हाईकोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने खारिज कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक जज को धमकाने के मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक- ए- इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान के खिलाफ अवमानना का मामला अदालत में लंबित था। पिछले दिनों इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इमरान के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अधिनियम की धाराएं हटाने का आदेश दिया था। अब न्यायमूर्ति अतहर मिनाल्लाह की अगुवाई में इस्लामाबाद हाई कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने उनके खिलाफ अदालत के अवमानना के मामले को भी खारिज कर दिया है।
पाकिस्तान सरकार की तरफ से इमरान खान पर आरोप लगाया गया था कि वे भड़काऊ भाषण देकर देश की जनता को सरकार, अदालत और सेना के खिलाफ भड़काना चाहते हैं। भड़काऊ भाषण के आरोप में उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी। आरोप था कि 20 अगस्त को इस्लामाबाद की एक सभा में उन्होंने पाकिस्तान की न्यायाधीश जेबा चौधरी को धमकी दी थी। इसके अलावा कई अधिकारियों और सरकार के खिलाफ आपत्तिजनक बातें करने के आरोप लगाए गए थे। सरकार ने इमरान के भाषण को भड़काऊ माना और आरोप लगाया था कि इसके जरिए इमरान खान देश की जनता को सरकार, न्यायालय और सेना के खिलाफ भड़का कर देश में गृहयुद्ध कराना चाहते थे। जब मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया तो सरकार और पुलिस सक्रिय हो गई। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी ने इमरान के भाषणों के लाइव प्रसारण पर रोक लगा दी।
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पुलिस ने इस मामले में इमरान खान पर आतंकवाद निरोधी कानून की धारा सात के तहत मुकदमा दर्ज किया। इमरान की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उनके घर बनीगाला भी पहुंची थी लेकिन भीड़ की वजह से उसे लौटना पड़ा। इमरान के समर्थकों ने चेतावनी दी थी कि अगर उनके नेता को गिरफ्तार किया जाएगा तो देशभर में बवाल हो जाएगा। इस्लामाबाद पर कब्जा हो जाएगा। साथ ही इमरान खान ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की थी।
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