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टूटी पाकिस्तान की अकड़, बिलावल के बाद अब नवाज ने अलापा भारत से दोस्ती का राग

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New Delhi: आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की अकड़ टूट गई है। पाकिस्तान (Pakistan) अब भारत के सहारे की आस लगा रहा है। दरअसल पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि हाल ही में संपन्न शंघाई सहयोग संगठन (SCO Summit) शिखर सम्मेलन पाकिस्तान और भारत के बीच संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में एक नई शुरुआत साबित हो सकता है।

लंबे समय बाद भारतीय विदेश मंत्री की पाकिस्तान की यात्रा

एक सप्ताह में यह दूसरा मौका है जब किसी बड़े पाकिस्तानी नेता ने भारत के साथ दोस्ती की वकालत की है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने 15 और 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में आयोजित एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद की 23वीं बैठक में भाग लिया। यह लंबे समय में किसी भारतीय विदेश मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा थी।

भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के लिए पाकिस्तान में एक राजनीतिक आम सहमति बनती दिख रही है। शायद पाकिस्तानी हुक्मरानों को यह हकीकत समझ में आ गई है कि भारत के साथ अच्छे संबंध उनके देश के बेहतर भविष्य की गारंटी हैं।

नवाज ने अलापा भारत से दोस्ती का राग

एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, सत्तारूढ़ पीएमएल-एन का नेतृत्व करने वाले और तीन बार देश के प्रधानमंत्री रह चुके नवाज ने भारत-पाकिस्तान संबंधों के बारे में भारतीय पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि दोनों पड़ोसियों के बीच संबंधों में सुधार से कई क्षेत्रों में प्रगति का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। नवाज ने कहा कि बेहतर होता अगर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होते।

उन्होंने कहा, “एससीओ शिखर सम्मेलन पाकिस्तान-भारत संबंधों के लिए एक अच्छी शुरुआत हो सकती है। अगर पाकिस्तान-भारत संबंध बहाल होते हैं, तो बहुत कुछ बेहतर हो सकता है।” उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम को चैंपियंस ट्रॉफी खेलने के लिए पाकिस्तान आना चाहिए।

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, “अगर आप भारतीय टीम से पूछेंगे, तो मुझे यकीन है कि वे भी कहेंगे कि वे पाकिस्तान आकर खेलना चाहते हैं।” हालांकि, नवाज ने स्वीकार किया कि अतीत कड़वा रहा है। उन्होंने कहा, “देखते हैं भविष्य में क्या होता है।” इससे पहले 15 अक्टूबर को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने मंगलवार को दोनों देशों के बीच आम सहमति पर पहुंचने की जरूरत पर जोर दिया, खासकर जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद के मुद्दे पर।

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आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान

गौरतलब है कि गंभीर आर्थिक संकट, अफगानिस्तान के साथ तनावपूर्ण संबंध, भारत के साथ व्यापार के जरिए लाभ कुछ ऐसे कारक हैं जो पाकिस्तान को भारत के साथ संबंध सुधारने के लिए मजबूर कर रहे हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने इस साल मार्च में संकेत दिया था कि इस्लामाबाद नई दिल्ली के साथ व्यापार फिर से शुरू करने का इच्छुक है। डार ने कहा, “पाकिस्तान का व्यापारिक समुदाय प्रत्यक्ष व्यापार फिर से शुरू करने के लिए बहुत उत्सुक है।”

डार की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के पास छोटे पूंजीपतियों और बड़े उद्योगपतियों का बड़ा समर्थन आधार है। इन वर्गों ने हमेशा भारत के साथ व्यापार संबंधों को सामान्य बनाने में अपना और पाकिस्तान का लाभ देखा है। गरीबी से जूझ रहे पाकिस्तान को इस समय नकदी की जरूरत है और भारत के साथ दोस्ती इस मामले में उसकी समस्याओं का समाधान साबित हो सकती है।

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