लाहौरः पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने आखिरकार कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के सामने घुटने टेक दिए। सरकार ने 'पाकिस्तान बचाओ मार्च' का नेतृत्व कर रहे TLP से समझौता करते हुए ईश निंदा के मामलों में आतंकवाद फैलाने की धारा जोड़ने का भी फैसला किया है। यह जानकारी स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में गुजरे कल दी गई।
TLP का यह मार्च 22 मई को कराची से शुरू हुआ था। समझौते के बाद लाहौर से करीब 200 किलोमीटर दूर गुजरात जिले के सराय आलमगीर में मार्च को खत्म करने की घोषणा की गई। इसके बाद मार्च में शामिल लोग अपने ठिकानों की ओर लौट गए।
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देश के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा है कि सरकार ने TLP की सभी जायज मांगों को मान लिया है. इनमें ईशनिंदा कानून को और प्रभावी बनाने की मांग भी शामिल है। कट्टरपंथी संगठन TLP और पाकिस्तान सरकार के बीच 12 बिंदुओं पर समझौता हो गया है। सरकार अब ईशनिंदा के मामलों में धारा 295-सी के साथ-साथ आतंकवाद विरोधी अधिनियम की धारा 295-सी लागू करेगी। साथ ही ईशनिंदा के मामलों की सुनवाई तेज गति से की जाएगी। सरकार इंटरनेट मीडिया पर ईशनिंदा से संबंधित सामग्री के प्रसार को भी रोकेगी।
इसके साथ ही सरकार TLP की स्थिति के संबंध में एक सार्वजनिक पत्र जारी करेगी। इस पत्र में सरकार एलान करेगी कि TLP कोई आतंकी संगठन नहीं है। उल्लेखनीय है कि पिछली सरकार ने कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक (TLP) को आतंकवादी संगठन घोषित किया था।