गोबर से बने पेंट से स्कूलों की होगी रंगाई-पुताई, छत्तीसगढ़ सरकार ने लिया फैसला

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में गोबर रोजगार का जरिया बन चुका है और अब गोबर के सहारे नए रोजगार के रास्ते विकसित किए जा रहे हैं और उत्पाद भी तैयार किए जा रहे हैं। इसी क्रम में राज्य सरकार ने तय किया है कि गोबर से बनने वाले पेंट से समस्त सरकारी स्कूलों की रंगाई और पुताई होगी। राज्य सरकार ने तय किया है कि स्कूलों की रंगाई-पुताई अब गोबर से निर्मित पेंट से होगी। राज्य में स्थापित किए गए गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किया जा रहा है। इन पार्को में स्व-सहायता समूह की महिलाएं गोबर से पेंट बनाने का काम भी कर रही हैं।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्रामीण महिलाओं को रोजगार का जरिया मुहैया कराने और उनकी आय बढ़ाने के लिए सभी स्कूलों में रंगाई-पुताई गोबर से बने पेंट से करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बघेल राजधानी कि न्यू सर्किट हाउस में कलेक्टर एसपी कान्फ्रेंस के दौरान वाहन गौठान एवं रीपा रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के स्व-सहायता समूह के द्वारा लगाए स्टॉल का अवलोकन करने पहुंचे। वहां उन्होंने समूह द्वारा प्रदर्शित उत्पाद गोबर से बने पेंट कुकीस, अचार तथा बांस से बने घरेलू उपयोग की वस्तुएं व कलाकृतियां देखीं तथा इस संबंध में जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की सराहना करते हुए अपर मुख्य सचिव को कहा कि राज्य की सभी शासकीय स्कूलों में पुताई कार्य में गौठान या रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में निर्मित गोबर से बने पेंट का उपयोग करने के निर्देश जारी करें। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है, जहां गोबर दो रुपये किलो की दर से खरीदा जाता है, इसके साथ ही गोबर के उत्पाद भी तैयार किए जा रहे हैं। इस काम में स्व-सहायता समूह की महिलाएं लगी हुई हैं। इस तरह गोबर लोगों के रोजगार का जरिया बन चुका है।

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