घने कोहरे और शीतलहर ने बढ़ा दी ठिठुरन, सड़कों पर रेंगते रहे वाहन

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महराजगंज: नए वर्ष की दूसरे दिन घने कोहरे और शीतलहर ने ठिठुरन बढ़ा दी है। सर्द हवाओं ने लोगों को घरों में दुबकने को मजबूर कर दिया। सड़क पर चल रहे वाहन भी रेंगते नजर आये। आलम यह रहा कि शहरों में दिहाड़ी करने वाले मजदूर ठंड से सिकुड़ रहे हैं।

रविवार शाम से ही शीतलहर चलनी शुरू हो गई। राष्ट्रीय राजमार्ग समेत अन्य मार्गों पर वाहन चालकों की मुश्किलें बढ़ गई थीं। इधर, नववर्ष के दूसरे दिन सोमवार को शीतलहर और घने कोहरे ने अपना रुतबा दिखाया। चल रही सर्द हवाओं ने ठिठुरन बढ़ाई तो लोग अपने घरों में दुबकने को मजबूर दिखे। बच्चों की दिक्कतें भी बढ़ गयीं। सांस के रोगियों की दिक्कतें परवान चढ़ गयी है। इधर, वाहन चालकों को दिन में भी हेड लाइट जलाकर वाहन चलाना पड़ा। वाहन ड्राइवर अमरजीत यादव ने बताया कि कोहरा और शीतलहर बहुत भयंकर है। बमुश्किल 10 मीटर की दूरी तक ही दिखाई पड़ रहा था।

गांव से शहर तक बढ़ी मुश्किलें

पछुआ हवा के साथ बढ़ी शीतलहर ने शहर से लेकर ग्रामीण अंचल तक के लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सोमवार की शाम पारा गिरने से तापमान न्यूनतम 8 सेल्सियस डिग्री तक पहुंच गया है और पैर और हाथ में झुनझुनी जैसी होने लगी है। लोगों का घर से बाहर निकलना दुश्वार है।

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गाँवों में नहीं है अलावा व्यवस्था

महाराजगंज जिला मुख्यालय आए ग्रामीण सुभाष यादव, सुरेश, नांदलाल आदि ने बताया कि गांव में तो शहर से अधिक ठंड महसूस हो रही है। बावजूद इसके इनके गांव में अलाव की कोई व्यवस्था नहीं है। शहर क्षेत्र की तरह गाँवों मरण भी अलाव की व्यवस्था जरूरी है।

यहाँ भी नहीं जल रहे अलाव

ठूठीबारी, शिकारपुर, बरगदवा, मिठौरा, कोल्हुई आदि कस्बों में अलाव की व्यवस्था है। इन कस्बों में भी दिहाड़ी के मजदूरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रिक्शा, टैम्पो चालक भी ठंड से सिकुड़ रहे हैं।

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