ट्रांसमिशन लाइन में खराबी के कारणों की जांच के आदेश, दोषी पर हो सख्त कार्रवाई

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लखनऊः 765 केवी अनपरा डी उन्नाव ट्रांसमिशन लाइन की खराबी पर विद्युत नियामक आयोग ने दोषी के लिए सख्त कार्रवाई किये जाने का निर्देश दिया है। पावर ट्रांसमिशन निगम के चेयरमैन को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि इसकी जल्द जांच कराकर दोषी के खिलाफ कार्रवाई तय किया जाए। इसके साथ ही ट्रांसमिशन की खराबी को दूर कर जल्द ग्रिड को चालू कराने का निर्देश दिया है। आयोग द्वारा जारी निर्देश की एक प्रति अपर मुख्य सचिव ऊर्जा सहित ओबरा -सी बदायूं, ट्रांसमिशन लिमिटेड, अडानी ट्रांसमिशन कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक को भी भेजी गई है।1200 करोड़ रुपए से बनकर तैयार अनपरा डी उन्नाव 765 केवी ट्रांसमिशन लाइन को ओबरा सी से जोड़ने के लिए गलत तरीके से लगाए गए लाइन रिएक्टर के कारण छह महीनों से बंद है।

इस संबंध में राज्य उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में अर्जी दाखिल की थी। विद्युत नियामक आयोग ने पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक से 7 दिन में रिपोर्ट तलब की गई थी। इस पर पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन द्वारा आयोग में एक अगस्त को रिपोर्ट दाखिल किए जाने के उपरांत अब विद्युत नियामक आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन व उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के चेयरमैन निर्देश किया है। निर्देश में कहा गया है कि ग्रिड अनुशासन बनाए रखने के लिए अविलंब इस पूरे लंबित मामले का निस्तारण कराया जाए, जिससे ट्रांसमिशन लाइन अभिलंब चालू हो सके। इसके लिए जो भी दोषी है, उनकी जवाबदेही तय करते हुए कार्यवाही प्रारंभ की जाए।

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आयोग द्वारा जारी निर्देश की एक प्रति अपर मुख्य सचिव ऊर्जा सहित ओबरा -सी बदायूं ट्रांसमिशन लिमिटेड अडानी ट्रांसमिशन कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक को भी भेजी गई है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पिछले कई महीनों से इस मुद्दे को बिजली कंपनियों का उच्च प्रबंधन दबाए बैठा था। जब उपभोक्ता परिषद ने इस मामले का खुलासा किया। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ग्रिड प्रबंधन की नींद खुली।

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