लखनऊः कोविड मरीजों के सरकारी या निजी अस्पतालों में भर्ती करने को लेकर सीएमओ रेफरल लेटर के आदेश को योगी सरकार ने शुक्रवार को वापस ले लिया। अब प्रदेश के किसी अस्पताल में किसी भी मरीज को भर्ती होने के लिए किसी भी प्रकार के रेफरल लेटर की कोई आवश्यकता नहीं है। कोई भी मरीज सुविधानुसार किसी भी सरकारी अथवा निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हो सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना निगेटिव आने के बाद फील्ड में सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने टीम-11 को भंग करके टीम-09 गठित करके नये सदस्यों की जिम्मेदारी तय कर दी। वहीं, अवध शिल्पग्राम में डीआरडीओ द्वारा निर्मित कोविड अस्पताल का निरीक्षण कर निर्माण कार्य व इलाज संबंधित व्यवस्थाओं की समीक्षा की। योगी ने कहा कि कोरोना महामारी के विरुद्ध हमारी जंग पूरी ऊर्जा के साथ जारी है। हम मजबूती के साथ लड़ेंगे और कोरोना को परास्त करने में अवश्य सफल होंगे। वहीं, प्रदेश में 12वीं तक के सभी स्कूल, कोचिंग आद को बंद रखने के निर्देश दिए हैं। वहीं, ऑनलाइन कक्षाएं भी स्थगित रखी जाएंगी।
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उन्होंने बताया कि कोविड की अब तक लड़ाई में हमारी टीम-11 ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। टीम वर्क का ही परिणाम है कि कोविड की पिछली लहर में उत्तर प्रदेश सुरक्षित रहा। बदलती परिस्थितियों के दृष्टिगत नई टीम-09 का गठन किया गया है। नौ वरिष्ठ अधिकारियों की यह टीम राज्य स्तर पर कोविड प्रबंधन से जुड़े कार्यों को देखेगी। योगी ने अधिकारियों को सख्त लहजे में निर्देशित करते हुए कहा कि बेड रिक्त होने पर कोई कोविड हॉस्पिटल (निजी और सरकारी) मरीज को इनकार नहीं कर सकता। उन्होंने बताया कि सभी जिलों को हर दिन रेमडेसिविर उपलब्ध कराई जा रही है। सरकारी अस्पतालों में यह दवा निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। निजी अस्पतालों को जरूरत पर इसकी आपूर्ति कराई जा रही है।