बिहार

शराबबंदी को असफल करार दे रहा विपक्ष, ‘हम’ ने की एसपी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग

पटनाः बिहार के गोपालगंज और मुजफ्फरपुर में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से मौत के मामले में अब राजनीति गर्म हो गई है। विपक्ष लगातार राज्य में शराबबंदी को असफल करार देता रहा है, वहीं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ‘हम’ ने रविवार को ऐसी घटना के लिए संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षकों पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गोपालगंज और मुजफ्फरपुर जिले के पुलिस अधीक्षक पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है। दानिश ने कहा कि निस्संदेह शराबबंदी कानून एक ऐतिहासिक फैसला है जिसकी परिकल्पना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पैगंबर मोहम्मद साहब ने भी की थी। उन दोनों महापुरुषों का मानना था कि देश और दुनिया में शराबबंदी हो, जिससे प्रभावित होकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में शराबबंदी कानून को लागू करने का ऐतिहासिक फैसला किया। रिजवान ने कहा कि पार्टी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून का समर्थन करती है।

यह भी पढ़ें-सिनेमा के माध्यम से रूढ़िगत विषयों पर बात करने की आवश्यकताः...

शराबबंदी कानून को लागू हुए कई वर्ष हो चुके हैं। सरकार की कड़ी चेतावनी के बावजूद राज्य में 2 जिलों में जहरीली शराब कांड हो जाना प्रशासनिक विफलता का परिणाम है। यह काफी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक एवं स्थानीय पुलिस की जवाबदेही शराबबंदी कानून को सफल बनाना है, उसके बावजूद यदि इस तरह की बड़ी घटना घटती है तो प्रशासनिक पदाधिकारियों पर हत्या का केस चलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून बनने के कई वर्ष बीत जाने बाद आज भी यह घटना सवाल उठा रही है। बता दें कि जहरीली शराब पीने से मुजफ्फरपुर में कथित रूप से पांच तथा गोपालगंज में दो लोगों की मौत हो चुकी है।