कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (माकपा) के प्रतिनिधियों ने सोमवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) से मुलाकात कर मतगणना प्रक्रिया में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा धांधली के कथित खतरे को उजागर किया। लोकसभा चुनाव की मतगणना की पूर्व संध्या पर दोनों दलों के प्रतिनिधियों ने पश्चिम बंगाल के सीईओ से प्रक्रिया के दौरान किसी भी संभावित धांधली को रोकने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।
दिशा-निर्देशों की हो रही अवहेलना- नेता
भाजपा नेता शिशिर बाजोरिया ने कहा कि बैठक के दौरान उन्होंने चुनाव के बाद की हिंसा और नियमों का पालन न करने का जिक्र किया। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार अस्थायी कर्मचारियों को मतगणना ड्यूटी पर रख रही है जो नियमों के खिलाफ है। भाजपा ने सीईओ को सौंपे ज्ञापन में कहा, “हमें कुछ निर्वाचन क्षेत्रों से जानकारी मिल रही है कि दिशा-निर्देशों की पूरी तरह अवहेलना करते हुए ऐसे अस्थायी कर्मचारियों को ड्यूटी पर रखा जा रहा है।” बाजोरिया ने मालदा मतगणना केंद्र का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक सूची सौंपी है। पार्टी ने कहा कि उसने पहले भी एक बैठक में इस मुद्दे को उठाया था।
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मतगणना में ना हो धंधली-बाजोरिया
बाजोरिया ने आरोप लगाया कि जिन लोगों को हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है, वे भी मतगणना प्रक्रिया का हिस्सा हैं। राज्य सीपीआई(एम) सचिव मोहम्मद सलीम ने भी पार्टी उम्मीदवारों के साथ सीईओ से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि वे सुनिश्चित करें कि 4 जून को होने वाली मतगणना निष्पक्ष हो और कोई धांधली न हो, जैसा कि राज्य में पंचायत चुनावों में हुआ था। सलीम ने कहा, “चुनाव अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी बाहरी व्यक्ति को मतगणना कक्ष में प्रवेश न करने दिया जाए और सभी मतगणना कर्मियों के पहचान पत्रों की पूरी तरह से जांच की जाए।
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