Online shopping: ऑनलाइन शॉपिंग के दिवाली ऑफर भले ही लोगों को खुश कर रहे हों, लेकिन इससे बाजार की चमक फीकी पड़ती दिख रही है। वैसे तो साल भर ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले उपभोक्ताओं की बड़ी संख्या है, लेकिन इन दिनों दिवाली पर मिल रहे डिस्काउंट और आकर्षक उपहारों ने इनकी संख्या बढ़ा दी है।
10 नवंबर को धनतेरस है, लेकिन अभी तक बाजार में रौनक नहीं दिख रही है। बिक्री नहीं होने से दुकानदारों में कोई उत्साह नहीं है। दुकानदारों का कहना है कि ऑनलाइन शॉपिंग से बाजार पर 50 से 80 फीसदी तक असर पड़ा है। ऑनलाइन उत्पाद बेचने वाली कंपनियां बाजार में बिकने वाले उत्पादों से कई गुना कम कीमत पर अपने उत्पाद बेच रही हैं। इसी कारण समाज का हर वर्ग, खासकर युवा और महिलाएं ऑनलाइन शॉपिंग की ओर अधिक ध्यान देते हैं। कपड़े हों, इलेक्ट्रॉनिक सामान हों या फर्नीचर, सभी की कीमतें बाजार से काफी कम हैं। ऐसे में जो लोग खरीदारी के लिए बाजार आ रहे हैं, वे ऑनलाइन दी जाने वाली कीमत और बाजार मूल्य को लेकर विक्रेता से उलझ जाते हैं।
ग्राहक धनतेरस से पहले करा लेते हैं बुकिंग
पीतल कारोबारी रूपेश वर्मा ने बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग के कारण धनतेरस पर बर्तन, चूल्हे आदि का बाजार 80 फीसदी प्रभावित हुआ है। धनतेरस से पहले ही लोग बर्तनों को छोड़कर जो कुछ भी चाहते थे, उसकी बुकिंग कर लेते थे। वे हमें बताते थे कि धनतेरस पर वे अपना सामान किस समय उठाएंगे, लेकिन इस बार अभी तक कोई नहीं आया।
घर बैठे सामान खरीदना चाहते हैं, नहीं समझ रहे क्वालिटी का फर्क
शत्रुघ्न केशरी ने कहा कि ऑनलाइन शॉपिंग के कारण बाजार में काफी गिरावट आयी है। महिलाएं दुकान पर आती हैं, सामान के बारे में पूछती हैं, दाम सुनते ही बहस करने लगती हैं कि ऑनलाइन इतना कम और यहां इतना ज्यादा। लोग घर बैठे सामान तो खरीदना चाहते हैं, लेकिन उन्हें क्वालिटी में अंतर समझ नहीं आ रहा है।
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ऑनलाइन शॉपिंग का चलन बढ़ा, बाजार की रौनक घटी
रामबाबू कसेरा ने बताया कि दिवाली पर जो उत्साह रहता था, वह अब नहीं है। ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो बाजार की स्थिति और खराब हो जायेगी। ऑनलाइन कंपनियों के लालच के कारण बाजार विक्रेताओं का काम ठप हो गया। रूपेश कुमार वर्मा ने कहा कि ऑनलाइन कंपनियां लोगों को लुभा रही हैं। इन कंपनियों ने मार्केट वेंडरों का काम बंद कर दिया है। इसका खामियाजा व्यापारी वर्ग को भुगतना पड़ रहा है। सुबह से शाम तक अपनी दुकान पर बैठने वाला हर छोटा-बड़ा व्यापारी इससे परेशान है। खासकर दीपावली पर इसका गहरा असर पड़ रहा है। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं।
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