भारतीय सेना का कवच बनेंगी ‘स्वदेशी बुलेट प्रूफ जैकेट्स’, ये हैं खूबियां​​

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नई दिल्ली: ​रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने बुधवार को एक समारोह में एक लाख बुलेट प्रूफ जैकेट थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम ​​नरवणे ​​को सौंपी। इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने दुश्मन से लड़ रहे सैनिकों के बहुमूल्य जीवन की रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान किया है। उन्होंने ​​​सैनिकों की सुरक्षा​ को प्राथमिकता ​देते हुए आश्वासन दिया कि सरकार सुनिश्चित करेगी कि सैनिकों को सर्वश्रेष्ठ हथियार और सुरक्षा कवच प्रदान किए जाएं और इस तरह की ​​आवश्यकताएं हमेशा ​सरकार की ​प्राथमिकता में सबसे ऊपर रहेंगी।​

उन्होंने निर्माता​ कंपनी ​एसएमपीपी प्राइवेट लिमिटेड को ​समय से चार महीने पहले एक लाख जैकेट की आपूर्ति के लिए सराहा।​ ​रक्षा राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि ​यह ​​बुलेट प्रूफ जैकेट ​’​मेक इन इंडिया​’​ के तहत एक स्वदेशी उत्पाद है​। ​यह कंपनी दुनिया भर में ​इस बुलेट प्रूफ जैकेट ​​का निर्यात भी कर रही है, जिससे ​सरकार ​की ‘आत्म निर्भर’ पहल के अनुरूप ​भारत​ ​ऐसे रक्षा वेयर की आपूर्ति के लिए एक वैश्विक केंद्र बन गया है​​। ​​उन्होंने कहा कि इस जैकेट को हमारे ​उन ​सैनिकों ने सराहा है जो सीमाओं पर उग्रवाद का मुकाबला करने में ​इन​का इस्तेमाल कर रहे हैं। समारोह में ​रक्षा उत्पादन ​सचिव ​राज कुमार, ​इन्फैंट्री ​के महानिदेशक ​लेफ्टिनेंट जनरल एके सामंतरा, ​​डीजीक्यूएए ​के जनरल आरके मल्होत्रा ​​​और ​​डीजी सीडी ​लेफ्टिनेंट जनरल एचएस कहलों​​ भी उपस्थित थे​​​​।​​
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​लंबे वक्त से सैनिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बुलेट प्रूफ जैकेट की मांग होती रही है​​।​ ​आखिरकार ​​रक्षा मंत्रालय ने 9 अप्रैल​, 2018 को घोषणा की ​थी ​कि वह स्वदेशी रक्षा निर्माता एसएमपीपी प्राइवेट लिमिटेड से 639 करोड़ रुपये की लागत से 1,86,138 ​​बुलेटप्रूफ जैकेट का अधिग्रहण करेगी​ और ​तीन साल के भीतर करीब पौने दो लाख बुलेट प्रूफ जैकेट सेना को मिलेगी​। ​यह कंपनी पहले भी ​भारतीय वायु सेना (आईएएफ), नौसेना कमांडो, अर्धसैनिक बलों जैसे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), केंद्रीय सुरक्षा सुरक्षा​​ बल (सीआईएसएफ) को बुलेटप्रूफ ​जैकटों की आपूर्ति कर ​चुकी है। ​इसके अलावा ​भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (​आईटीबीपी), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (​एनएसजी) और गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, जम्मू और कश्मीर, कोलकाता के राज्य पुलिस बलों​ ​​और दुनिया भर में विभिन्न बलों ​को भी अपने उत्पाद आपूर्ति किये हैं।​ ​​

​अनुबंध के अनुसार ​कंपनी को तीन साल की अवधि के भीतर​​ बुलेटप्रूफ जैकेट​ की आपूर्ति करनी थी।​ ​एसएमपीपी द्वारा निर्मित ये जैकेट वजन में अल्ट्रा​ ​लाइट और 360 डिग्री की सुरक्षा प्रदान कर​ने वाली हैं​ क्योंकि ​ज्यादा भारी बुलेटप्रूफ जैकेट को अच्छा नहीं माना जाता क्योंकि इसे पहनने वाला आसानी से चल या भाग नहीं पाता है​​।​​​ जैकेट 3 किलो से लेकर 8 किलो तक भारी हो सकती है​​।​​​​ आपूर्ति की गई जैकेट पहनने ​पर सैनिक सभी ​ओर से सुरक्षित​ रह सकता है​​।​ इतना ही नहीं अपनी जरूरत के अनुसार गले​, ​पेट और जां​घ के बीच ​के भाग​ ​​की ​भी ​सुरक्षा ​कर सकता है​​।​ कंपनी के ​​अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एससी कंसल ने कहा​ कि नई जैकेट भारतीय सेना के सबसे उन्नत ​जीएसक्यूआर-1438 मानकों को पूरा ​करती हैं। इन बुलेटप्रूफ जैकेटों में ‘बोरॉन कार्बाइड सिरेमिक’ है जो बैलिस्टिक सुरक्षा के लिए सबसे हल्का पदार्थ है। यह बुलेटप्रूफ जैकेट सबसे कम वजन पर बैलिस्टिक सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम ​होंगी​।

​क्या है ​​बुलेटप्रूफ जैकेट

​जब कोई गोली ​​बुलेटप्रूफ जैकेट से टकराती है तो सबसे पहले वो सेरेमिक परत से जाकर टकराती है। सेरेमिक परत बहुत मजबूत होती है इसलिए इससे टकराते ही गोली का आगे का नुकीला सिरा टुकड़ों में टूट जाता है। ऐसा होने पर गोली की पावर कम हो जाती है और वो आसानी से भेद नहीं पाती है।​ ​सेरेमिक परत से टकराने पर गोली के टूटने से बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है जिसे बैलेस्टिक परत अवशोषित कर लेती है। ऐसा होने पर बुलेटप्रूफ जैकेट पहने हुए सैनिक को कम से कम क्षति पहुँचती है और इस तरह बुलेटप्रूफ जैकेट गोली के प्रभाव को कम करके सैनिक को सुरक्षित रखती है।​ ​इस जैकेट में हेलमेट, गर्दन, कोहनी और कमर के हिस्सों को जरुरत के अनुसार अलग किया जा सकता है, जैसे गश्त के दौरान जैकेट के पिछले हिस्से को हटाया जा सकता है।​